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"परिध्रुवी तारा": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Zirkumpolar ani.gif|thumb|300px|पृथ्वी के उत्तरी भाग में नज़र आने वाले कुछ परिध्रुवी तारों का आकाश में मार्ग - ध्रुव तारा बीच में है और उसके मार्ग का चक्र बहुत ही छोटा है]]
[[चित्र:Zirkumpolar ani.gif|thumb|300px|पृथ्वी के उत्तरी भाग में नज़र आने वाले कुछ परिध्रुवी तारों का आकाश में मार्ग - ध्रुव तारा बीच में है और उसके मार्ग का चक्र बहुत ही छोटा है]]
[[चित्र:Circumpolar AZ81.jpg|thumb|250px|कैमरे के लेंस को पूरी रात खुला रख के लिया गया चित्र जिसमें बहुत से तारों के मार्ग साफ़ नज़र आ रहे हैं]]
[[चित्र:Circumpolar AZ81.jpg|thumb|250px|कैमरे के लेंस को पूरी रात खुला रख के लिया गया चित्र जिसमें बहुत से तारों के मार्ग साफ़ नज़र आ रहे हैं]]
[[पृथ्वी]] पर किसी [[अक्षांश रेखाएं|अक्षांश रेखा]] के लिए '''परिध्रुवी तारा''' ऐसे तारे को बोलते हैं जो उस रेखा पर स्थित देखने वाले के लिए कभी भी क्षितिज से नीचे अस्त न हो। यह केवल ऐसे तारों के साथ होता है को [[खगोलीय गोले]] के किसी ध्रुव के पास होते हैं। अगर किसी स्थान के लिए कोई तारा परिध्रुवी हो तो वह उस स्थान से हर रात को पूरे रात्रिकाल के लिए नज़र आता है। वास्तव में अगर किसी तरह सुबह के समय सूरज की रोशनी को रोका जा सके तो वह तारा सुबह भी नज़र आए (यानि चौबीसों घंटे दृष्टिगत हो)।<ref name="ref31hehag">{{cite web | title=Emergency navigation: find your position and shape your course at sea even if your instruments fail | author=David Burch | publisher=McGraw-Hill Professional, 2008 | isbn=9780071481847 | url=http://books.google.com/books?id=R_p2Pp4RB9UC | quote=''... Circumpolar stars are those within the full circles over the horizon. Since they never set, circumpolar stars are visible all nightlong, every night of the year ...''}}</ref>
[[पृथ्वी]] पर किसी [[अक्षांश रेखाएँ|अक्षांश रेखा]] के लिए '''परिध्रुवी तारा''' ऐसे तारे को बोलते हैं जो उस रेखा पर स्थित देखने वाले के लिए कभी भी क्षितिज से नीचे अस्त न हो। यह केवल ऐसे तारों के साथ होता है को [[खगोलीय गोला|खगोलीय गोले]] के किसी ध्रुव के पास होते हैं। अगर किसी स्थान के लिए कोई तारा परिध्रुवी हो तो वह उस स्थान से हर रात को पूरे रात्रिकाल के लिए नज़र आता है। वास्तव में अगर किसी तरह सुबह के समय सूरज की रोशनी को रोका जा सके तो वह तारा सुबह भी नज़र आए (यानि चौबीसों घंटे दृष्टिगत हो)।<ref name="ref31hehag">{{cite web | title=Emergency navigation: find your position and shape your course at sea even if your instruments fail | author=David Burch | publisher=McGraw-Hill Professional, 2008 | isbn=9780071481847 | url=http://books.google.com/books?id=R_p2Pp4RB9UC | quote=''... Circumpolar stars are those within the full circles over the horizon. Since they never set, circumpolar stars are visible all nightlong, every night of the year ...''}}</ref>


== अन्य भाषाओँ में ==
== अन्य भाषाओँ में ==
"परिध्रुवी तारे" को [[अंग्रेज़ी]] में "सरकमपोलर स्टार" (circumpolar star) कहा जाता है। [[फ़ारसी]] में इसे "सितारा-ए-पीरा-क़ुत्बी" ({{Nastaliq|ur|ستاره پیراقطبی}}) और [[यूनानी भाषा|यूनानी]] में इसे "एइफ़ानेईस आस्तेरी" (Αειφανείς αστέρι) कहा जाता है।
"परिध्रुवी तारे" को [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] में "सरकमपोलर स्टार" (circumpolar star) कहा जाता है। [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] में इसे "सितारा-ए-पीरा-क़ुत्बी" ({{Nastaliq|ur|ستاره پیراقطبی}}) और [[यूनानी भाषा|यूनानी]] में इसे "एइफ़ानेईस आस्तेरी" (Αειφανείς αστέρι) कहा जाता है।


== वर्णन ==
== वर्णन ==
जब पृथ्वी अपने अक्ष पर [[घूर्णन]] (रोटेशन) करती है तो आकाश में तारे भी गोल पथों पर चक्कर काटते प्रतीत होते हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि तारे एक ही रात में हिलते इसलिए प्रतीत होते हैं क्योंकि हम एक घूमती हुई पृथ्वी पर खड़े हैं। तारों की स्वयं की गति वास्तव में इस से बहुत कम होती है। कोई तारा खगोलीय गोले के ध्रुव के जितना पास हो वह उतने ही छोटे अकार के गोले में चक्कर काटता लगता है। कुछ ऐसे गोले पूरे क्षितिज से ऊपर होते हैं और कुछ बड़े होने के कारण कुछ भाग में क्षितिज से ऊपर और कुछ भाग में नीचे (यानि दृष्टि से भी बाहर) होते हैं। मिसाल के लिए [[ध्रुव तारा]] खगोलीय ध्रुव के बहुत पास है। उसका मार्गचक्र बहुत छोटा है और वह पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध (हॅमिस्फ़्येअर) से हमेशा ही दृष्टिगत होता है। इसी तरह [[सप्तर्षि तारामंडल]], [[ध्रुवमत्स्य तारामंडल]], [[वृषपर्वा तारामंडल]] और [[शर्मिष्ठा तारामंडल]] के तारे [[दिल्ली]] और पृथ्वी के [[कर्क रेखा]] (ट्रॉपिक ऑफ़ कैंसर) से उत्तर के सभी स्थानों में परिध्रुवी तारे होते हैं और वर्ष की प्रत्येक रात को पूरी-पूरी रात के लिए नज़र आते हैं।
जब पृथ्वी अपने अक्ष पर [[घूर्णन]] (रोटेशन) करती है तो आकाश में तारे भी गोल पथों पर चक्कर काटते प्रतीत होते हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि तारे एक ही रात में हिलते इसलिए प्रतीत होते हैं क्योंकि हम एक घूमती हुई पृथ्वी पर खड़े हैं। तारों की स्वयं की गति वास्तव में इस से बहुत कम होती है। कोई तारा खगोलीय गोले के ध्रुव के जितना पास हो वह उतने ही छोटे अकार के गोले में चक्कर काटता लगता है। कुछ ऐसे गोले पूरे क्षितिज से ऊपर होते हैं और कुछ बड़े होने के कारण कुछ भाग में क्षितिज से ऊपर और कुछ भाग में नीचे (यानि दृष्टि से भी बाहर) होते हैं। मिसाल के लिए [[ध्रुव तारा]] [[खगोलीय ध्रुव]] के बहुत पास है। उसका मार्गचक्र बहुत छोटा है और वह पृथ्वी के [[उत्तरी गोलार्ध]] (हॅमिस्फ़्येअर) से हमेशा ही दृष्टिगत होता है। इसी तरह [[सप्तर्षि तारामंडल]], [[ध्रुवमत्स्य तारामंडल]], [[वृषपर्वा तारामंडल]] और [[शर्मिष्ठा तारामंडल]] के तारे [[दिल्ली]] और पृथ्वी के [[कर्क रेखा]] (ट्रॉपिक ऑफ़ कैंसर) से उत्तर के सभी स्थानों में परिध्रुवी तारे होते हैं और वर्ष की प्रत्येक रात को पूरी-पूरी रात के लिए नज़र आते हैं।


== परिध्रुवी तारों से स्थान ज्ञात करना ==
== परिध्रुवी तारों से स्थान ज्ञात करना ==
पृथ्वी पर हर [[अक्षांश रेखा]] पर ज्ञात है कि उस स्थान पर कौन से तारे परिध्रुवी हैं और कौनसे नहीं। इस वजह से अगर कोई ऐसे जानकारी का ज्ञाता हो और तारों की पहचान करना जानता हो तो वह रातभर आकाश को देखकर अनुमान लगा सकता है कि वह पृथ्वी पर कितना उत्तर और कितना दक्षिण की ओर है (हालांकि पूर्व-पश्चिम का अनुमान नहीं लगा सकता)।<ref name="ref31hehag"/> अगर कोई व्यक्ति ठीक उत्तरी ध्रुव पर खड़ा हो तो दिखने वाले सारे तारे परिध्रुवी होते हैं, यानि कोई तारे वहाँ से कभी दिखते ही नहीं और जो दिखते हैं वे कभी क्षितिज के नीचे डूबते नहीं। सुदूर उत्तर में रहने वाली जातियाँ, जैसे कि [[एस्किमो]] ऐसे कभी न डूबने वाले तारामंडलों को देवताओं का दर्जा देते थे और उन्हें "वे जो कभी विश्राम नहीं करते" कि उपाधि दी जाती थी।<ref name="ref27lohoc">{{cite web | title=The New international encyclopaedia, Volume 16The New International Encyclopædia, Frank Moore Colby | author= | publisher=Dodd, Mead and company, 1918 | isbn= | url=http://books.google.com/books?id=1G0NAQAAMAAJ | quote=''... Among their deities were also the constellations, "the never-resting ones," and the circumpolar stars ...''}}</ref>
पृथ्वी पर हर [[अक्षांश रेखाएँ|अक्षांश रेखा]] पर ज्ञात है कि उस स्थान पर कौन से तारे परिध्रुवी हैं और कौनसे नहीं। इस वजह से अगर कोई ऐसे जानकारी का ज्ञाता हो और तारों की पहचान करना जानता हो तो वह रातभर आकाश को देखकर अनुमान लगा सकता है कि वह पृथ्वी पर कितना उत्तर और कितना दक्षिण की ओर है (हालांकि पूर्व-पश्चिम का अनुमान नहीं लगा सकता)।<ref name="ref31hehag"/> अगर कोई व्यक्ति ठीक उत्तरी ध्रुव पर खड़ा हो तो दिखने वाले सारे तारे परिध्रुवी होते हैं, यानि कोई तारे वहाँ से कभी दिखते ही नहीं और जो दिखते हैं वे कभी क्षितिज के नीचे डूबते नहीं। सुदूर उत्तर में रहने वाली जातियाँ, जैसे कि [[एस्किमो]] ऐसे कभी न डूबने वाले तारामंडलों को देवताओं का दर्जा देते थे और उन्हें "वे जो कभी विश्राम नहीं करते" कि उपाधि दी जाती थी।<ref name="ref27lohoc">{{cite web | title=The New international encyclopaedia, Volume 16The New International Encyclopædia, Frank Moore Colby | author= | publisher=Dodd, Mead and company, 1918 | isbn= | url=http://books.google.com/books?id=1G0NAQAAMAAJ | quote=''... Among their deities were also the constellations, "the never-resting ones," and the circumpolar stars ...'' | access-date=10 सितंबर 2011 | archive-url=https://web.archive.org/web/20160520094909/https://books.google.com/books?id=1G0NAQAAMAAJ | archive-date=20 मई 2016 | url-status=live }}</ref>


== इन्हें भी देखें ==
== इन्हें भी देखें ==
* [[खगोलीय गोला]]
* [[खगोलीय गोला]]
* [[ध्रुव तारा]]
* [[ध्रुव तारा]]
* [[अक्षांश रेखाएं]]
* [[अक्षांश रेखाएँ|अक्षांश रेखाएं]]


== सन्दर्भ ==
== सन्दर्भ ==
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[[श्रेणी:तारे]]
[[श्रेणी:तारे]]
[[श्रेणी:हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना]]
[[श्रेणी:हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना]]
[[श्रेणी:गोलीय खगोलशास्त्र]]

[[ar:نجوم أبدية الظهور]]
[[ca:Estel circumpolar]]
[[de:Zirkumpolar (Astronomie)]]
[[el:Αειφανείς αστέρες]]
[[en:Circumpolar star]]
[[es:Estrella circumpolar]]
[[eu:Izar zirkunpolar]]
[[fa:ستاره پیراقطبی]]
[[fi:Sirkumpolaarisuus]]
[[fr:Circumpolaire]]
[[hu:Cirkumpoláris]]
[[it:Astro circumpolare]]
[[ja:周極星]]
[[ko:주극성]]
[[lb:Zirkumpolar (Astronomie)]]
[[nl:Circumpolair]]
[[no:Cirkumpolar stjerne]]
[[pt:Estrela circumpolar]]
[[ro:Stea circumpolară]]
[[ru:Незаходящая звезда]]
[[sk:Cirkumpolárna hviezda]]
[[sl:Cirkumpolarno nebesno telo]]
[[sv:Cirkumpolär (astronomi)]]
[[zh:拱極星]]

19:02, 6 सितंबर 2024 के समय का अवतरण

पृथ्वी के उत्तरी भाग में नज़र आने वाले कुछ परिध्रुवी तारों का आकाश में मार्ग - ध्रुव तारा बीच में है और उसके मार्ग का चक्र बहुत ही छोटा है
कैमरे के लेंस को पूरी रात खुला रख के लिया गया चित्र जिसमें बहुत से तारों के मार्ग साफ़ नज़र आ रहे हैं

पृथ्वी पर किसी अक्षांश रेखा के लिए परिध्रुवी तारा ऐसे तारे को बोलते हैं जो उस रेखा पर स्थित देखने वाले के लिए कभी भी क्षितिज से नीचे अस्त न हो। यह केवल ऐसे तारों के साथ होता है को खगोलीय गोले के किसी ध्रुव के पास होते हैं। अगर किसी स्थान के लिए कोई तारा परिध्रुवी हो तो वह उस स्थान से हर रात को पूरे रात्रिकाल के लिए नज़र आता है। वास्तव में अगर किसी तरह सुबह के समय सूरज की रोशनी को रोका जा सके तो वह तारा सुबह भी नज़र आए (यानि चौबीसों घंटे दृष्टिगत हो)।[1]

अन्य भाषाओँ में

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"परिध्रुवी तारे" को अंग्रेज़ी में "सरकमपोलर स्टार" (circumpolar star) कहा जाता है। फ़ारसी में इसे "सितारा-ए-पीरा-क़ुत्बी" (ستاره پیراقطبی‎) और यूनानी में इसे "एइफ़ानेईस आस्तेरी" (Αειφανείς αστέρι) कहा जाता है।

जब पृथ्वी अपने अक्ष पर घूर्णन (रोटेशन) करती है तो आकाश में तारे भी गोल पथों पर चक्कर काटते प्रतीत होते हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि तारे एक ही रात में हिलते इसलिए प्रतीत होते हैं क्योंकि हम एक घूमती हुई पृथ्वी पर खड़े हैं। तारों की स्वयं की गति वास्तव में इस से बहुत कम होती है। कोई तारा खगोलीय गोले के ध्रुव के जितना पास हो वह उतने ही छोटे अकार के गोले में चक्कर काटता लगता है। कुछ ऐसे गोले पूरे क्षितिज से ऊपर होते हैं और कुछ बड़े होने के कारण कुछ भाग में क्षितिज से ऊपर और कुछ भाग में नीचे (यानि दृष्टि से भी बाहर) होते हैं। मिसाल के लिए ध्रुव तारा खगोलीय ध्रुव के बहुत पास है। उसका मार्गचक्र बहुत छोटा है और वह पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध (हॅमिस्फ़्येअर) से हमेशा ही दृष्टिगत होता है। इसी तरह सप्तर्षि तारामंडल, ध्रुवमत्स्य तारामंडल, वृषपर्वा तारामंडल और शर्मिष्ठा तारामंडल के तारे दिल्ली और पृथ्वी के कर्क रेखा (ट्रॉपिक ऑफ़ कैंसर) से उत्तर के सभी स्थानों में परिध्रुवी तारे होते हैं और वर्ष की प्रत्येक रात को पूरी-पूरी रात के लिए नज़र आते हैं।

परिध्रुवी तारों से स्थान ज्ञात करना

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पृथ्वी पर हर अक्षांश रेखा पर ज्ञात है कि उस स्थान पर कौन से तारे परिध्रुवी हैं और कौनसे नहीं। इस वजह से अगर कोई ऐसे जानकारी का ज्ञाता हो और तारों की पहचान करना जानता हो तो वह रातभर आकाश को देखकर अनुमान लगा सकता है कि वह पृथ्वी पर कितना उत्तर और कितना दक्षिण की ओर है (हालांकि पूर्व-पश्चिम का अनुमान नहीं लगा सकता)।[1] अगर कोई व्यक्ति ठीक उत्तरी ध्रुव पर खड़ा हो तो दिखने वाले सारे तारे परिध्रुवी होते हैं, यानि कोई तारे वहाँ से कभी दिखते ही नहीं और जो दिखते हैं वे कभी क्षितिज के नीचे डूबते नहीं। सुदूर उत्तर में रहने वाली जातियाँ, जैसे कि एस्किमो ऐसे कभी न डूबने वाले तारामंडलों को देवताओं का दर्जा देते थे और उन्हें "वे जो कभी विश्राम नहीं करते" कि उपाधि दी जाती थी।[2]

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. David Burch. "Emergency navigation: find your position and shape your course at sea even if your instruments fail". McGraw-Hill Professional, 2008. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780071481847. ... Circumpolar stars are those within the full circles over the horizon. Since they never set, circumpolar stars are visible all nightlong, every night of the year ...
  2. "The New international encyclopaedia, Volume 16The New International Encyclopædia, Frank Moore Colby". Dodd, Mead and company, 1918. मूल से 20 मई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 सितंबर 2011. ... Among their deities were also the constellations, "the never-resting ones," and the circumpolar stars ...