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'''बाकला''' या '''कॉमन बीन''', (वैज्ञानिक नाम : ''फैसेयोलस वल्गैरिस'') एक वार्षिक पौधा है, जो कि मीज़ो अमरीका और [[एंडीज़ पर्वत]] पर मूलतः उगता था। अब यह विश्व भर में उगाया जाता है। इसकी खाद्य फलियां और बीज ही इसके उत्पाद होते हैं। इसकी पत्तियां कहीं कहीं हरी सब्जी के काम आती हैं, और इसका भूसा मवेशियों के लिए काम में आता है। जैविक दृष्टि से यह एक [[द्विबीजपत्री]] पौधा है। इसकी फलियां लेग्यूम श्रेणी की होने से भूमि को [[नाइट्रोजन]] दायक होती हैं। यह प्रक्रिया [[र्हाइज़ोबिया]] नामक नाइट्रोजन दायक [[जीवाणु]] द्वारा होती है।
'''बाकला''' या '''कॉमन बीन''', (वैज्ञानिक नाम : ''फैसेयोलस वल्गैरिस'') एक वार्षिक पौधा है, जो कि मीज़ो अमरीका और [[एंडीज़ पर्वत]] पर मूलतः उगता था। अब यह विश्व भर में उगाया जाता है। इसकी खाद्य फलियां और बीज ही इसके उत्पाद होते हैं। इसकी पत्तियां कहीं कहीं हरी सब्जी के काम आती हैं और इसका भूसा मवेशियों के लिए काम में आता है। जैविक दृष्टि से यह एक [[द्विबीजपत्री]] पौधा है। इसकी फलियां लेग्यूम श्रेणी की होने से भूमि को [[नाइट्रोजन]] दायक होती हैं। यह प्रक्रिया [[र्हाइज़ोबिया]] नामक नाइट्रोजन दायक [[जीवाणु]] द्वारा होती है।
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=== क्रैनबरी एवं बॉर्लोटी बीन ===
=== क्रैनबरी एवं बॉर्लोटी बीन ===
[[चित्र:Beans in Ventimiglia.jpg|thumb|right|200px|ताज़ी बॉर्लोट्टी फलियां]]
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क्रेनबरी फलियों का उद्गम [[कोलंबिया]] में हुआ था। इन्हें कार्गैमैन्टो कहा जाता था।<ref>{{cite book |title=Heirloom Beans |first=Steve |last=Sando |first2=Vanessa |last2=Barrington |publisher=Chronicle Books |year=2008 |page=15 |isbn=978-0811860697}}</ref> यह फली मध्यम से बड़ी टैन वर्ण की होती है, और इसमें लाल- या [[रानी (वर्ण)|रानी]] रंगों के धब्बे हो सकते हैं।
क्रेनबरी फलियों का उद्गम [[कोलंबिया]] में हुआ था। इन्हें कार्गैमैन्टो कहा जाता था।<ref>{{cite book |title=Heirloom Beans |first=Steve |last=Sando |first2=Vanessa |last2=Barrington |publisher=Chronicle Books |year=2008 |page=15 |isbn=978-0811860697}}</ref> यह फली मध्यम से बड़ी टैन वर्ण की होती है और इसमें लाल- या [[रानी (वर्ण)|रानी]] रंगों के धब्बे हो सकते हैं।


<!-- Borlotti beans, also known as roman beans or romano beans (not to be confused with Italian flat beans, a [[green bean]] also called "romano bean"), are a variety of cranberry bean bred in Italy to have a thicker skin. It is very popular in Italian, Portuguese and Turkish cuisine.
<!-- Borlotti beans, also known as roman beans or romano beans (not to be confused with Italian flat beans, a [[green bean]] also called "romano bean"), are a variety of cranberry bean bred in Italy to have a thicker skin. It is very popular in Italian, Portuguese and Turkish cuisine.

03:51, 12 सितंबर 2014 का अवतरण

सामान्य फलियाँ
Phaseolus vulgaris
कच्ची फली सहित बेल
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: पादप
विभाग: मैग्नोलियोफाइटा
वर्ग: मैग्नोलियोप्सीडा
गण: Fabales
कुल: Fabaceae
उपकुल: Faboideae
वंश समूह: Phaseoleae
वंश: Phaseolus
जाति: P. vulgaris
द्विपद नाम
Phaseolus vulgaris
L.

बाकला या कॉमन बीन, (वैज्ञानिक नाम : फैसेयोलस वल्गैरिस) एक वार्षिक पौधा है, जो कि मीज़ो अमरीका और एंडीज़ पर्वत पर मूलतः उगता था। अब यह विश्व भर में उगाया जाता है। इसकी खाद्य फलियां और बीज ही इसके उत्पाद होते हैं। इसकी पत्तियां कहीं कहीं हरी सब्जी के काम आती हैं और इसका भूसा मवेशियों के लिए काम में आता है। जैविक दृष्टि से यह एक द्विबीजपत्री पौधा है। इसकी फलियां लेग्यूम श्रेणी की होने से भूमि को नाइट्रोजन दायक होती हैं। यह प्रक्रिया र्हाइज़ोबिया नामक नाइट्रोजन दायक जीवाणु द्वारा होती है।


राजमां

चित्र:Rajmah variety.jpg
राजमां के तीन प्रकार हैं_ लाल, चितरा और जम्मू

राजमां या अंघ्रेज़ी में किडनी बीन, को उसके रंग और आकार के कारण गुर्दे का नाम दिया गया है। इसे अंग्रेज़ी में रेड बीन भी कहा जाता है, किंतु इस नाम से अन्य किस्म भि है। यह उत्तर भारत के खानपान की एक अभिन्न अंग बनने वाली किस्म है। इसे यहां अधिकतर चावल के संग परोसा जाता है।

यहां तीन प्रकार के राजमां होते हैं:-

लाल राजमा

राजमा लाल

इसके बीज लंबे, लगभग २ से.मी. के होते हैं। ये गहरे लाल रंग के चिकने होते हैं।

राजमा चितरा

इसे कभी कभी राजमा चित्र आभी कहा जाता है। इसके बीज बादामी रंग के लाल राजमां से कुछ छोटे होते हैं, लगभग १.२५-१.५ सें.मी. के।

राजमा जम्मू

यह राजमा कश्मीरी भी कहलाता है। इसके बीज १ सें.मी. के अंदर के होते हैं। इनका आकार सबसे छोटा होता है। ये भी कुछ रानी रंग की आभा लिए हुए मैरून होते हैं।[1]

राजमां, कच्चे
पोषक मूल्य प्रति 100 ग्रा.(3.5 ओंस)
उर्जा 330 किलो कैलोरी   1390 kJ
कार्बोहाइड्रेट     60 g
- शर्करा 2 g
- आहारीय रेशा  25 g  
वसा 1 g
प्रोटीन 24 g
पानी 12 g
पैंटोथैनिक अम्ल (B5)  0.8 mg  16%
फोलेट (Vit. B9)  394 μg  99%
कैल्शियम  143 mg 14%
लोहतत्व  8 mg 64%
मैगनीशियम  140 mg 38% 
जस्ता  3 mg 30%
प्रतिशत एक वयस्क हेतु अमेरिकी
सिफारिशों के सापेक्ष हैं.
स्रोत: USDA Nutrient database
कुछ उन्नतशील किस्में

रबी राजमा की संस्तुत किस्में है

  1. उदय,
  2. एच.यू.आर-१५,
  3. एच.यू.आर-१३७, तथा
  4. वी.एल-६३[1]
  • राजमा की प्रथम किस्म - वी.एल-६३ सन् १९८४ में विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधानशाला, अल्मोङा द्वारा विकसित की गई थी।
  • राजमा की उदय(पी.डी.आर-१४) किस्म सन् १९८७ में भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर द्वारा विकसित की गई थी।[1]


अन्य प्रकार

इस प्रजाति की कई ज्ञात प्रकार हैं। इनके बिजों के रंग और फली के आकार में भी बहुत भिन्नता होती है।

अनासाज़ी

सूखे कॉमन बीन के बीजों में भिन्नता

अनासाज़ी फली (aka Aztec bean, Cave bean, New Mexico Appaloosa) दक्षिण-पश्चिमी उत्तर अमरीका के मूल की होती है।

काली बीन

ब्लैक टर्टल बीन

छोटे, चिकने ब्लैक टर्टल बीन दक्षिण अमरीकी खाने में बहुत प्रचलित हैं। इसे सामान्यतया काली बीन कहा जाता है। (स्पेनिश:frijol negro, पुर्तगाली: feijão preto ), हालां कि इस तरह की एक अन्य ब्लैक बीन भी होती हैं।


ये एंटी ‘ओक्सीडैंट का अच्छा स्रोत होती हैं।[2]

ब्लैक टर्टल बीन की किस्मों में

  • ब्लैक मैजिक
  • ब्लैक हॉक
  • डोमिनो
  • नाइट हॉक
  • वैलेन्टाइन


क्रैनबरी एवं बॉर्लोटी बीन

ताज़ी बॉर्लोट्टी फलियां

क्रेनबरी फलियों का उद्गम कोलंबिया में हुआ था। इन्हें कार्गैमैन्टो कहा जाता था।[3] यह फली मध्यम से बड़ी टैन वर्ण की होती है और इसमें लाल- या रानी रंगों के धब्बे हो सकते हैं।


पिंक बीन


पिंटो बीन्स

पिंटो बीन्स


अलूबिया पिंटा अलावेसा


पिंटो बीन्स की किस्मों में:

  • बुर्के
  • ओथेल्लो
  • मावेरिक
  • सियरा


शेल बीन

फ्लैगोलेट बीन के प्रकारों में:-

  • शेवरियर
  • एल्सा
  • फ्लैम्बियऊ
  • फ्लैमिंगो


वाइट बीन

कैनेलिनी बीन

नेवी बीन के प्रकारों में:

  • ग्रेट नॉर्थर्न बीन
  • रेनी रिवर
  • रोबस्ट
  • माइकेलाइट
  • सैनिलैक


येलो बीन


देखें


संदर्भ

  1. आई.आई.टी. खडगपुर का शोध
  2. Choung MG, Choi BR, An YN, Chu YH, Cho YS. Anthocyanin profile of Korean cultivated kidney bean (Phaseolus vulgaris L.) J Agric Food Chem. 2003 Nov 19;51(24):7040-3. Retrieved 6 August 2006.
  3. Sando, Steve; Barrington, Vanessa (2008). Heirloom Beans. Chronicle Books. पृ॰ 15. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0811860697.


बाहरी सूत्र