स्कूबा डाइविंग
स्कूबा डाइविंग पानी के नीचे डाइविंग की एक विधा है जिसमें स्कूबा गोताखोर एक सेल्फ कोंतैनेड अंडरवाटर ब्रेथिंग अप्परेटस (स्कूबा) का प्रयोग करता हैं। जो पानी के नीचे साँस लेने के लिए सतह की आपूर्ति से पूरी तरह से स्वतंत्र होता हैं। स्कूबा डाइवर्स जो सशस्त्र बलों के साथ गुप्त ऑपरेशन में लगे रहते हैं उन्हें फ्रोग् मैन, लड़ाकू गोताखोरों या हमले करने वाले तैराकों के रूप में जाना जाता है। [1]
उद्भव
[संपादित करें]बीसवीं सदी के मध्य तक, स्कूबा (घुन्ना पानी श्वास तंत्र) के लिए दो बुनियादी तरीके थे: खुले सर्किट स्कूबा और क्लोज सर्किट स्कूबा।
रि ब्रेथेर
[संपादित करें]सर रॉबर्ट डेविस, सिएबे गोर्मन के प्रमुख ने , 1910 में ऑक्सीजन रि ब्रेथेर में सुधार किया। [2][3]
स्कूबा डाइविंग केउपयोग
[संपादित करें]स्कूबा डाइविंग को कई कारणों से किया जाता हैं व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों इसमें सम्मिलित हैं। मनोरंजन के स्कूबा डाइविंग विशुद्ध रूप से आनंद के लिए किया जाता है।
गोताखोरों को पानी के नीचे कार्य करने के लिए पेशेवर तरीके से नियोजित किया जा सकता है।
गहराई की सीमा
[संपादित करें]स्कूबा डाइविंग के लिए गहराई की सीमा स्व समायोजन एवं प्रशिक्षण पर निर्भर करता है, लेकिन मनोरंजन के लिए जो गोते लगाये जाते हैं वे 30 मीटर (100 फीट) गहरे या उससे कम होते हैं।
श्वास लेने के उपकरण
[संपादित करें]मनरंजन के लिए किये जाने वाले गोताखोरी में गोताखोर आधी मुह के मास्क का इस्तेमाल करते है जो उनके नाक और मुह को ढकता हैं। पेशेवर स्कूबा गोताखोरों पूरे चेहरे वाले मास्क का उपयोग करते है।
गैस के मिश्रण
[संपादित करें]कुछ डाइविंग के लिए गैसों का मिश्रण प्रयोग में लाया जाता हैं जो सामान्य वायुमंडलीय हवा (21% ऑक्सीजन, नाइट्रोजन 78%, 1% ट्रेस गैसों) के अलावा होता है जब तक गोताखोर इसके प्रयोग में सक्षम हैं।
उछाल नियंत्रण
[संपादित करें]सुरक्षित रूप से गोता लगाने के लिए, गोताखोरों को अपने पानी में उतरने एवं चड़ने की दर को नियंत्रित करना आवशयक हैं इसके लिए ये भी जरुरी हैं की वे बीच पानी में एक समान गहराई बनाये रखे। गोताखोरों लगातार गहराई में रहने के लिए चाहते हैं, वे तटस्थ उछाल हासिल करने के लिए प्रयास करें।
पानी के अन्दर द्रश्यता
[संपादित करें]हवा की तुलना में पानी का अपवर्तनांक ज्यादा होता है जो काफी हद तक आंख की कॉर्निया के समान होता हैं। जिनको गंभीर रूप से निकट दृष्टि हैं वे सामान्य लोगों की तुलना में बिना मुखौटा के पानी के नीचे बेहतर देख सकते हैं।
गोताखोरी के मास्क
[संपादित करें]गोताखोरी के मास्क एवं हेलमेट गोताखोर को पानी में सुरक्षा प्रदान करते हैं।
पर्यावरण संरक्षण
[संपादित करें]ठंडे पानी में उर्जा के नुक्सान को आमतौर पर गीला सूट या सूखी सूट द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाती है। इसके अलावा ये कुछ समुद्री जीवों के डंक से, धुप से त्वचा के जलने से बचने को एवं घर्षण से होने वाले चोट से सुरक्षा प्रदान करते हैं। जहां थर्मल इन्सुलेशन महत्वपूर्ण नहीं है, लाइक्रा सूट / डाइविंग स्किन पर्याप्त हो सकता है।
वेट सूट
[संपादित करें]वेट सूट एक परिधान है जो आमतौरझाग बनाये हुए निओप्रीन से बना होता हैं एवं थर्मल इन्सुलेशन, घर्षण प्रतिरोध और उछाल प्रदान करता है।
सूखा सूट
[संपादित करें]सुखी हुई सूट पानी में उतरे हुए गोताखोर को थर्मल इन्सुलेशन प्रदान करता है,[4] एवं आमतौर पर पूरे शरीर का बचाव करता है सिर, हाथ और कभी कभी पैरों को छोड़कर।
सुरक्षा उपकरण
[संपादित करें]अधिक जानकारी: सुरक्षा उपकरण § डाइविंग का सामान
प्रक्रियाओं
[संपादित करें]पानी के भीतर का वातावरण अपरिचित और खतरनाक है इसलिए गोताखोर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी , सरल एवं आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए। एक न्यूनतम सीमा तक की सुरक्षा का आवरण आवश्यक हैं।
दोहराव गोता तालिकाओं का उपयोग
[संपादित करें]हमसफ़र, टीम या एकल डाइविंग
इस प्रकार की डाइविंग का उद्देश्य यह होता है की अगर कोई साथी मुसीबत में पद जाए तो उससे खतरे से बचाना
दबाव में परिवर्तन के कारण चोट लगना
[संपादित करें]दबाव में परिवर्तन के कारण होने वाले चोटों से गोताखोरों को बचना चाहिए। हालांकि स्कूबा डाइविंग में कई खतरों शामिल हैं लेकिन गोताखोर उचित प्रक्रिया और उपयुक्त उपकरणों के माध्यम से जोखिम कम कर सकते हैं। ये अपेक्षित कौशल प्रशिक्षण और शिक्षा के द्वारा ग्रहण किया जाता है, और अभ्यास के द्वारा इनमे बढोतरी की जा सकती हैं।
ऑक्सीजन विषाक्तता
[संपादित करें]जब शरीर में ऑक्सीजन एक सुरक्षित आंशिक दबाव (PPO2) से अधिक हो जाता हैं तब ऑक्सीजन विषाक्तता होती है। बहुत खतरे की अवस्था में यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और बेहोशी का कारण बनता है।
डाइविंग उपकरणों की विफलता की वजह से खतरों
[संपादित करें]बहुत बार गोताखोरों को डाइविंग उपकरणों की विफलता से भी खतरों का सामना करना पड़ता हैं इसमें उनके जान जाने की सम्भावना बड जाती हैं।
शरीर की गर्मी का क्षय
[संपादित करें]पानी वायु की अपेक्षा गर्मी का अच्छा सुचालक होता हैं जिसके चलते हलके पानी के तापमान में भी हाइपोथर्मिया का कारण हो सकता है। [5]
समुद्री जानवरों से खतरा
[संपादित करें]कुछ समुद्री जानवर गोताखोरों के लिए खतरनाक हो सकते है। ज्यादातर मामलों में यह समुद्री जानवरों की रक्षात्मक प्रतिक्रिया के तौर पर होता है।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ वेल्हम, माइकल जी. (१९८९). कॉम्बैट फ्रॉगमैन. पैट्रिक स्टीफेंस. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ ९७८-१-८५२६०-२१७-८
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के मान की जाँच करें: invalid character (मदद). - ↑ क्विक, D. (1970). "ए हिस्ट्री ऑफ़ क्लोज्ड सर्किट ऑक्सीजन अंडरवाटर ब्रेअथिंग एपरेटस". रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नेवी, स्कूल ऑफ़ अंडरवाटर मेडिसिन. RANSUM-1-70. मूल से 9 मई 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २००९-०३-०३.
- ↑ पॉल केम्प (1990). डी T-क्लास सबमरीन - डी क्लासिक ब्रिटिश डिजाईन. आर्म्स एंड आर्मर. पृ॰ 105. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-85368-958-X.
- ↑ पितादोसि, C. A.; बॉल डी जे।; नुचकोलस म. ल.; थाल्मन इ. डी (1979). "मानद इवैल्यूएशन ऑफ़ थे NCSC डाइवर थर्मल प्रोटेक्शन (DTP) पैसिव सिस्टम प्रोटोटाइप". US नवल एक्सपेरिमेंटल डाइविंग यूनिट टेक्निकल रिपोर्ट. NEDU-13-79. मूल से 21 जुलाई 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २००८-०४-२१.
- ↑ ब्रुबकक, Alf O; ह्यूमन, टॉम स (2003). बेनेट एंड एलीट'स फिजियोलॉजी एंड मेडिसिन ऑफ़ डाइविंग (5th Rev संस्करण). यूनाइटेड स्टेट्स: सौंडर्स ल्टड. पृ॰ 304. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-7020-2571-2.