AQI
Sign In

By signing in or creating an account, you agree with Associated Broadcasting Company's Terms & Conditions and Privacy Policy.

भगत सिंह ने Hat पहनकर कहां खिंचवाई थी तस्वीर, बम धमाका करने किस रास्ते पहुंचे थे एसेंबली?

भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त कश्मीरी गेट से लाल किला, दरियागंज और फिर कनॉट प्लेस होते हुए एसेंबली पहुंचे होंगे. अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए उन्होंने तांगा (घोड़ागाड़ी) लिया होगा.

भगत सिंह ने Hat पहनकर कहां खिंचवाई थी तस्वीर, बम धमाका करने किस रास्ते पहुंचे थे एसेंबली?
भगत सिंह की हैट में तस्‍वीर खूब फेमस हुई.
| Updated on: Mar 24, 2023 | 9:13 AM

साल था- 1929 और महीना था अप्रैल का. गर्मियां शुरू हो चुकी थी. भगत सिंह और उनके साथी बटुकेशवर दत्त दिल्ली पहुंच चुके थे. आज जो संसद भवन है, वो उस जमाने में काउंसिल हाउस कहलाता था. सेफ्टी बिल पेश होने से दो दिन पहले यानी 6 अप्रैल, 1929 को भगत सिंह अपने साथी बटुकेश्वर दत्त के साथ काउंसिल हाउस के असेंबली हॉल तक गए थे ताकि ये जायजा लिया जा सके कि ऑपरेशन को कहां से अंजाम दिया जाएगा.

धमाके की तैयारी थी, ऐसे धमाके की, जिससे जानमाल का नुकसान न हो, लेकिन अपनी धमक जताई जा सके. दोनों ने जायजा लिया कि पब्लिक गैलरी किस तरफ है और किस जगह से वहां बम फेंका जा सकता है.

हालांकि ‘ट्रेड डिस्प्यूट बिल’ पास हो चुका था, जिसमें मजदूरों की ओर से की जाने वाली हर तरह की हड़ताल पर पाबंदी लगा दी गई थी, लेकिन ‘पब्लिक सेफ्टी बिल पर तत्कालीन अध्यक्ष विट्ठलभाई पटेल ने अपना निर्णय नहीं दिया था. इस बिल में ऐसे प्रावधान थे कि सरकार संदिग्धों पर बिना मुकदमा चलाए उन्हें हिरासत में रख सकती थी.

खैर, 8 अप्रैल 1929 को सेंट्रल असेंबली में भगत सिंह को बम फेंकना था. पब्लिक गैलरी में खचाखच भीड़ थी. जैसे ही बिल पेश किया गया, सदन में एक जोरदार धमाका हुआ. धमाके के साथ ही शहीद भगत सिंह और बटुकेशवर दत्त इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. कुछ ही देर में वहां संसद मार्ग थाने से पुलिस पहुंच गई और दोनों क्रांतिकारियों को गिरफ्तार कर लिया.

क्रांतिकारियों की ये कहानी आप कई बार पढ़ चुके होंगे. लेकिन हाल ही में प्रकाशित किताब दिल्ली का पहला प्यार- कनॉट प्लेस में लेखक-पत्रकार विवेक शुक्ला ने इस धमाके से पहले की कहानी बताई है.

एसेंबली वाया कश्मीरी गेट-कनॉट प्लेस

दोनों क्रांतिकारी कैसे और किस रास्ते से एसेंबली पहुंचे होंगे, इस बारे में उन्होंने लिखा है. विवेक लिखते हैं कि भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त कश्मीरी गेट से लाल किला, दरियागंज और फिर कनॉट प्लेस होते हुए एसेंबली पहुंचे होंगे. अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए उन्होंने तांगा (घोड़ागाड़ी) लिया होगा. तब न तो बसें चला करती थीं, न पब्लिक ऑटो. कारें भी गिने-चुने लोगों के पास हुआ करती थीं.

उस दौर में जब शहीद भगत सिंह और बटुकेशवर दत्त कनॉट प्लेस से गुजर रहे होंगे तो यह निर्माणाधीन रहा होगा. मजदूर निर्माण कार्य में लगे होंगे. कारण कि घटना 1929 की है, जबकि कनॉट प्लेस 1933 तक तैयार हो पाया था.

यहां देखें एक वीडियो रिपोर्ट:

हैट में शहीद भगत सिंह की चर्चित फोटो

भगत सिंह का नाम सुनते ही आपके मन में उनकी कौन-सी तस्वीर उभरती है? वो पगड़ी पहनते थे और फिर हैट में भी उनकी तस्वीर खूब फेमस हुई. इस तस्वीर के बारे में अपनी किताब में विवेक शुक्ला लिखते हैं, “दोनों क्रांतिकारी 4 अप्रैल 1929 को कश्मीरी गेट के रामनाथ स्टूडियो पहुंचे थे और वहां फोटो खिंचवाई थी.

हैट में उनकी जो फोटो देश-दुनिया में फेमस है, वो रामनाथ स्टूडियो में ही खिंचवाई गई थी. कश्मीरी गेट में सेंट जेम्स चर्च के पास यह स्टूडियो था. तब उनके साथ बटुकेश्वर दत्त ने भी हैट में फोटो खिंचवाई थी. फोटों खिंचवाने के चार दिन बाद यानी 8 अप्रैल 1929 को उन्होंने असेंबली में बम फेंका था.

पूछताछ के लिए रामनाथ स्टूडियो पहुंचती थी पुलिस

अप्रैल 1929 से पहले हैट में भगत सिंह की कोई फोटो नहीं मिलती. भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त के साथ हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपबल्किन आर्मी (HSRA) के सदस्य जयदेव कपूर भी रामनाथ फोटो स्टूडियो गए थे. कहा जाता है कि कपूर ने ही उस हमले की सारी योजना की रणनीति बनाई थी.

शहीद भगत सिंह के जीवन पर लंबे समय से शोध कर रहे राजशेखर व्यास के हवाले से विवेक शुक्ला ने बताया कि रामनाथ फोटो स्टूडियो के बाहर ही भगत सिंह की बड़ी सी फोटो लगी हुई थी. बम फेंके जाने की घटना के बाद ब्रिटिश पुलिस बार-बार पूछताछ के लिए रामनाथ फोटो स्टूडियो आने लगी थी. जयदेव कपूर ने रामनाथ फोटो स्टूडियो जाकर बाद में फोटो और नेगेटिव लिए थे.

ऑटो एक्सपो 2025 में दिखी टाटा इंट्रा ईवी पिकअप ट्रक,जानें इसकी खूबियां
ऑटो एक्सपो 2025 में दिखी टाटा इंट्रा ईवी पिकअप ट्रक,जानें इसकी खूबियां
ऑटो एक्सपो:इलेक्ट्रिक साइकिल जो देती है 85 किलोमीटर की रेंज,जानें कीमत
ऑटो एक्सपो:इलेक्ट्रिक साइकिल जो देती है 85 किलोमीटर की रेंज,जानें कीमत
रूसी वायुसेना ने यूक्रेन पर किया हमला, विस्फोट से पुल तबाह
रूसी वायुसेना ने यूक्रेन पर किया हमला, विस्फोट से पुल तबाह
कैसे बनते हैं नागा साधु? देखें महाकुंभ का ये VIDEO
कैसे बनते हैं नागा साधु? देखें महाकुंभ का ये VIDEO
अश्लील हरकतें करते कैमरे में कैद हुए शिक्षक और शिक्षिका
अश्लील हरकतें करते कैमरे में कैद हुए शिक्षक और शिक्षिका
फूट-फूटकर रोईं! आरोपों से परेशान हर्षा रिछारिया ने किया बड़ा ऐलान
फूट-फूटकर रोईं! आरोपों से परेशान हर्षा रिछारिया ने किया बड़ा ऐलान
इटली से आई शिवानी ने कैमरे पर सुनाया भजन, जूना अखाड़े से लेंगी दीक्षा
इटली से आई शिवानी ने कैमरे पर सुनाया भजन, जूना अखाड़े से लेंगी दीक्षा
अरविंद केजरीवाल की गाड़ी पर फेंके गए पत्थर! देखें वीडियो
अरविंद केजरीवाल की गाड़ी पर फेंके गए पत्थर! देखें वीडियो
महाकुंभ में 'चाबी वाले बाबा', आखिर क्यों हो रही चर्चा?
महाकुंभ में 'चाबी वाले बाबा', आखिर क्यों हो रही चर्चा?
इस मंदिर पर लिखा है इस्लाम का पहला कलमा!
इस मंदिर पर लिखा है इस्लाम का पहला कलमा!