सामग्री पर जाएँ

ईदी अमीन

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
फ़ील्ड मार्शल
ईदी अमीन

तीजा युगांडी राष्ट्रपति
पद बहाल
जनवरी 25, 1971 – अप्रैल 11, 1979
उप राष्ट्रपति मुस्तफ़ा अद्रिसी
पूर्वा धिकारी मिलटन ओबोटे
उत्तरा धिकारी युसुफ़ु लुले

जन्म c.1925
कोबोको या कंपाला[A], युगांडी संरक्षित राज्य
मृत्यु 16 अगस्त 2003(2003-08-16) (उम्र 78 वर्ष)
जेद्दा, सऊदी अरब
राष्ट्रीयता युगांडान
जीवन संगी मलयामू अमीन (तलाक़शुदा)
केय अमीन (तलाक़शुदा)
नॉरा अमीन (तलाक़शुदा)
मदीना अमीन
सारा अमीन
पेशा सैनिक
धर्म इस्लाम
सैन्य सेवा
निष्ठा यूनाइटेड किंगडम यूनाइटेड किंगडम
युगांडा युगांडा
सेवा/शाखा ब्रिटिश सेना
युगांडी सेना
सेवा काल 1946-1979
पद फ़ील्ड मार्शल
एकक किंग्ज़ अफ़्रीकन राइफ़लज़
कमांड कमांडर-इन-चीफ़
लड़ाइयां/युद्ध मऊ मऊ विद्रोह
1971 युगांडी तख्तापलट

ईदी अमीन दादा (1925[A] {सटीक तिथि अज्ञात है} - 16 अगस्त 2003) 1971 से 1979 तक युगांडा का सैन्य नेता एवं राष्ट्रपति था। 1946 में अमीन ब्रिटिश औपनिवेशिक रेजिमेंट किंग्स अफ़्रीकां राइफल्स में शामिल हो गया और 25 जनवरी 1971 के सैन्य तख्तापलट द्वारा मिल्टन ओबोटे को पद से हटाने से पूर्व युगांडा की सेना में अंततः मेजर जनरल और कमांडर का ओहदा हासिल किया। बाद में देश के प्रमुख पद पर आसीन रहते हुए उसने स्वयं को फील्ड मार्शल के रूप में पदोन्नत कर लिया।

अमीन के शासन को मानव अधिकारों के दुरूपयोग, राजनीतिक दमन, जातीय उत्पीड़न, गैर कानूनी हत्याओं, पक्षपात, भ्रष्टाचार और सकल आर्थिक कुप्रबंधन के लिए जाना जाता था। अंतर्राष्ट्रीय प्रेक्षकों और मानव अधिकार समूहों का अनुमान है कि उसके शासन में 1,00,000 से 5,00,000 लोग मार डाले गए।[1] अपने शासन काल में, अमीन को लीबिया के मुअम्मर अल-गद्दाफी के अतिरिक्त सोवियत संघ तथा पूर्वी जर्मनी का भी समर्थन हासिल था।[2][3][4]

1975-1976 में अमीन, अफ्रीकी एकता संगठन - एक अखिल अफ़्रीकी समूह जिसे अफ़्रीकी राज्यों की एकता को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था, का अध्यक्ष बन गया।[5] 1977-1979 की अवधि के दौरान युगांडा को मानव अधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र आयोग द्वारा तलब किया गया था। 1977 से 1979 तक अमीन ने स्वयं को "महामहिम, आजीवन राष्ट्रपति, फील्ड मार्शल अल हदजी डॉक्टर[B] ईदी अमीन दादा, वीसी (vc),[C] डीएसओ (DSO), एमसी (mc), अफ्रीका व विशेष रूप से युगांडा में ब्रिटिश साम्राज्य का विजेता " की उपाधि दी। [6]

युगांडा के भीतर असंतोष और 1978 में तंज़ानिया के कंगेरा प्रांत को जीतने का प्रयास युगांडा-तंज़ानिया युद्ध तथा उसके शासन के पतन का कारण बना। अमीन बाद में लीबिया तथा सउदी अरब में निर्वासित जीवन जीने लगा, जहां 16 अगस्त 2003 को उसकी मृत्यु हो गई।

प्रारंभिक जीवन और सैन्य करियर

[संपादित करें]

अमीन ने कभी भी अपनी आत्मकथा नहीं लिखी और न ही उसने किसी को आधिकारिक रूप से अपने जीवन के बारे में लिखने के लिए अधिकृत किया, अतः इस बारे में मतभेद हैं कि उसका जन्म कब तथा कहां हुआ था। अधिकांश जीवनी लेखकों का कहना है कि उसका जन्म 1925 के आसपास कोबोको या फिर कंपाला में हुआ था।[A] अन्य अपुष्ट सूत्रों के अनुसार अमीन के जन्म का वर्ष 1923 के प्रारंभ से लेकर 1928 के अंत तक के बीच है। मकेरेरे यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता फ्रेड गुवेडेको के अनुसार, ईदी अमीन एंड्रियास न्याबिरे (1889-1976) का पुत्र था। न्याबिरे काकवा जातीय समूह का सदस्य था, जिसने 1910 में रोमन कैथोलिक ईसाई से इस्लाम ग्रहण कर लिया था और अपना नाम अमीन दादा रख लिया था जिसके कारण अपने पहले बच्चे का नाम उसने अपने नाम के आधार पर रखा। कम उम्र में अपने पिता द्वारा परित्याग करने के पश्चात्, ईदी अमीन की परवरिश पश्चिमोत्तर युगांडा के एक ग्रामीण कृषि नगर में अपनी मां के परिवार में हुई। गुवेडेको कहते हैं कि अमीन की मां का नाम अस्सा आट्टे था (1904-1970), जो लुग्बारा जाति से संबंधित थी और एक पारंपरिक हकीम थी जो अन्य लोगों के साथ-साथ बुगांडा राजघराने का भी इलाज करती थी। 1941 में अमीन ने बोम्बो के एक इस्लामी स्कूल में दाखिला लिया। कुछ वर्षों बाद, केवल चौथी कक्षा की अंग्रेजी भाषा तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उसने स्कूल छोड़ दिया तथा एक ब्रिटिश औपनिवेशिक सैन्य अधिकारी द्वारा सेना में भर्ती किए जाने से पहले उसने कई छोटे मोटे काम किए। [7]

युगांडा के इस जनरल ने घोषणा की कि एशियाई मूल से जुड़े सभी युगांडा के नागरिकों को या तो देश छोड़ने के लिए मजबूर किया जायेगा या फिर उन्हें संभावित रूप से अपनी जान से हाथ धोना पड़ेगा. 1972 और 1973 के बीच, युगांडा के 7000 एशियाई कनाडा आए थे।
1975 फील्ड मार्शल

ब्रिटिश औपनिवेशिक सेना

[संपादित करें]

अमीन 1946 में एक सहायक रसोईये के रूप में ब्रिटिश औपनिवेशिक सेना की किंग्स अफ्रीकन राइफल्स में शामिल हुआ।[8] उसने दावा किया कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान उसे सेना में भर्ती होने के लिए मजबूर किया गया था तथा यह कि वह बर्मा अभियान में शामिल था,[9] किन्तु दस्तावेज़ों से पता चलता है कि सूची में उसका नाम युद्ध के समाप्त होने के पश्चात् लिखा गया था।[6][10] 1947 में उसे पैदल सेना में एक निजी सैनिक के रूप में केन्या भेजा गया था और उसने 1949 तक गिलगिल, केन्या में 21वीं केएआर (KAR) इन्फैन्ट्री बटालियन के लिए काम किया। उस वर्ष, सोमाली शिफ्टा विद्रोहियों से लड़ने के लिए उसकी टुकड़ी को सोमालिया में तैनात किया गया। 1952 में उसकी ब्रिगेड को केन्या में मऊ मऊ विद्रोहियों के खिलाफ तैनात किया गया था। उसी वर्ष उसे कॉर्पोरेल तथा इसके बाद 1953 में सार्जेंट के रूप में पदोन्नत किया गया।[7]

1959 में अमीन को इफेन्डी (वारंट अधिकारी) बनाया गया, जो कि उस समय औपनिवेशिक ब्रिटिश सेना में किसी अश्वेत अफ़्रीकी के लिए सबसे बड़ा ओहदा था। उसी वर्ष अमीन युगांडा लौटा और 1961 में उसे लेफ्टिनेंट के पद पर पदोन्नत किया गया जिससे वह युगांडा के कमीशन प्राप्त करने वाले पहले दो अधिकारियों में से एक बन गया। उसके बाद उसे युगांडा के कार्मोजोंग तथा केन्या के टरकाना खानाबदोशों के बीच पशुओं के कारण होने वाले झगड़ों को कुचलने के लिए नियुक्त किया गया। 1962 में ग्रेट ब्रिटेन से युगांडा को आजादी मिलने के बाद, अमीन को कैप्टन तथा फिर 1963 में मेजर के पद पर पदोन्नत किया गया। अगले वर्ष, उसे सेना के उप कमांडर पद पर नियुक्त किया गया।[7]

ब्रिटिश और युगांडा की दोनों सेनाओं में अपने कार्यकाल के दौरान अमीन एक सक्रिय एथलीट था। 193 सेमी (6 फीट 4 इंच) की लंबाई और शक्तिशाली शरीर की वजह से 1951 से 1960 तक युगांडा का लाइट हैवीवेट बॉक्सिंग चैम्पियन होने के साथ-साथ वह तैराक भी था। ईदी अमीन एक खतरनाक रग्बी फॉरवर्ड भी था,[11][12] हालांकि एक अधिकारी ने उसके बारे में कहा था कि: "ईदी अमीन एक शानदार और अच्छा खिलाड़ी (रग्बी का), लेकिन उसे सिखाना कठिन है और एक अक्षर का शब्द भी उसे विस्तार से समझाना पड़ता है।[12][13] 1950 के दशक में, वह आरएफसी नील के लिए खेला।[14] एक लगातार सुनाई जाने वाली शहरी किंवदंती यह है कि[12][14] 1955 में ब्रिटिश लायंस के विरुद्ध मैच के दौरान उसे पूर्वी अफ्रीका की टीम में स्थानापन्न खिलाड़ी के रूप में चुना गया था। यह कहानी पूरी तरह से निराधार है, वह टीम की तस्वीर या आधिकारिक टीम सूची में कहीं नहीं है[15] और इस स्पर्धा के 13 वर्षों बाद तक भी अंतर्राष्ट्रीय रग्बी में स्थापन्न खिलाडियों को शामिल करने की अनुमति नहीं थी[16].

सैन्य कमांडर

[संपादित करें]

1965 में प्रधानमंत्री मिल्टन ओबोटे और अमीन जायरे से युगांडा में हाथी दांत तथा सोने की तस्करी के एक सौदे में फंस गए थे। जैसे कि पूर्व कांगो नेता पैट्रिस लुमुम्बा के सहयोगी जनरल निकोलस ओलेंगा ने बाद में आरोप लगाया कि यह सौदा कांगो सेना के खिलाफ लड़ने वाले विद्रोहियों की गुप्त रूप से हथियारों की मदद के लिए अमीन द्वारा उन तक तस्करी द्वारा हाथी दांत और सोना पहुंचाने की रणनीति का एक हिस्सा था। 1966 में युगांडा की संसद ने इसकी जांच करने की मांग की। ओबोटे ने औपचारिक राष्ट्रपति पद पर काबिज बुगांडा के कबाका (राजा) एडवर्ड मुटेसा को हटा कर एक नया संविधान लागू किया और स्वयं को कार्यकारी राष्ट्रपति घोषित कर दिया। उसने अमीन को कर्नल और आर्मी कमांडर के पद पर नियुक्त किया। अमीन ने कबाका के महल पर हुए एक हमले का नेतृत्व किया और मुटेसा को ब्रिटेन में निर्वासित जीवन जीने के लिए मजबूर कर दिया, जहां वह 1969 में अपनी मृत्यु तक रहते रहे। [17][18]

अमीन ने सूडान के सीमावर्ती पश्चिम नील क्षेत्र के काकवा, लुग्बारा, न्यूबियन और अन्य जातीय समूहों के सदस्यों की भर्ती शुरू की। न्यूबियन, जो सूडान से औपनिवेशिक सेना की सेवा करने के लिए आए थे, 20 वीं सदी के बाद से युगांडा में बस गए थे। उत्तरी युगांडा के कई अफ़्रीकी जातीय समूह युगांडा तथा सूडान दोनों जगह रहते थे; अतः ऐसे आरोप लगाये जाते हैं कि अमीन की सेना मुख्यतः सूडानी सैनिकों से मिल कर बनी थी।[19]

सत्ता पर कब्ज़ा

[संपादित करें]

अंततः अमीन और ओबोटे के संबंधों के बीच एक खाई उभरी, जो अमीन द्वारा पूर्वी नील क्षेत्र से भर्ती लोगों द्वारा उसे समर्थन किये जाने, दक्षिणी सूडान में विद्रोहियों द्वारा की जाने वाली कार्रवाइयों के समर्थन में उसके शामिल होने तथा 1969 में ओबोटे पर जानलेवा हमले के प्रयास से और चौड़ी हो गयी। अक्टूबर 1970 में अमीन को उसके महीनों पुराने सभी सशस्त्र सेनाओं के कमांडर के पद से हटा कर वापस सेना का कमांडर बना कर, ओबोटे ने खुद सशस्त्र बलों का नियंत्रण संभाल लिया।[20]

यह जानने के बाद, कि सेना के धन के दुरूपयोग के लिए ओबोटे उसे गिरफ्तार करने की योजना बना रहा था, 25 जनवरी 1971 को, जब ओबोटे सिंगापुर में एक राष्ट्रमंडल शिखर सम्मलेन में भाग लेने गया था, एक सैन्य तख्तापलट कार्यवाही द्वारा अमीन ने सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया। अमीन के वफादार सैनिकों ने युगांडा में घुसने के मुख्य रास्ते एंटेब्बे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को सील कर दिया तथा कंपाला पर कब्ज़ा कर लिया। सैनिकों ने ओबोटे के निवास को घेर लिया और प्रमुख मार्गों को अवरुद्ध कर दिया। रेडियो युगांडा के एक प्रसारण में ओबोटे की सरकार पर भ्रष्टाचार तथा लांगो क्षेत्र में विशेष व्यवहार का आरोप लगाया गया। रेडियो प्रसारण के बाद कंपाला की गलियों में भीड़ में उत्साह होने की खबरे मिलीं। [21] अमीन ने घोषणा की कि वह राजनीतिज्ञ की बजाए एक सैनिक था और यह कि सैन्य सरकार एक कामचलाऊ सरकार के रूप में तब तक बनी रहेगी जब तक कि नए चुनावों की घोषणा नहीं हो जाती और यह घोषणा स्थिति के सामान्य होने के बाद होगी। उसने सभी राजनीतिक बंदियों को छोड़ने का वादा किया।[22]

अमीन ने भूतपूर्व राजा और राष्ट्रपति मुटेसा (जिनकी निर्वासन में मृत्यु हो गई थी) का अप्रैल 1974 में राजकीय संस्कार किया, कई राजनीतिक बंदियों को रिहा किया और देश में कम से कम अवधि में लोकतांत्रिक शासन लौटाने के लिए स्पष्ट तथा निष्पक्ष चुनावों के अपने वादे को दोहराया.[23]

राष्ट्रपति पद

[संपादित करें]

सैन्य शासन की स्थापना

[संपादित करें]

तख्तापलट के एक सप्ताह के बाद 2 फ़रवरी 1971 में अमीन ने खुद को युगांडा का राष्ट्रपति, सभी सशस्त्र बलों का प्रमुख कमांडर, आर्मी चीफ़ ऑफ़ स्टाफ तथा चीफ़ ऑफ़ एयर स्टाफ घोषित कर दिया। उसने घोषणा की कि वह युगांडा के संविधान के कुछ प्रावधानों को रद्द कर रहा था और शीघ्र ही उसने सैन्य अधिकारियों से बनी एक रक्षा सलाहकार परिषद का गठन किया जिसका अध्यक्ष वह स्वयं बना। अमीन ने सैन्य न्यायाधिकरण को नागरिक कानून प्रणाली से ऊंचा स्थान दिया, शीर्ष सरकारी व अर्द्ध सरकारी एजेंसियों के पदों पर सैनिकों को नियुक्त किया, और नव नियुक्त असैनिक कैबिनेट मंत्रियों को सूचित किया कि वे सैन्य अनुशासन के अधीन रहेंगे.[20][24] अमीन ने कंपाला स्थित राष्ट्रपति भवन का नाम गवर्नमेंट हाउस से बदल कर "द कमांड पोस्ट" कर दिया। उसने पिछली सरकार द्वारा बनाई गई जनरल सर्विस यूनिट (जीएसयू) नामक ख़ुफ़िया इकाई को भंग कर दिया और इसके स्थान पर स्टेट रिसर्च ब्यूरो (एसआरबी) की स्थापना की। नकासेरो का कंपाला उपनगर में स्थित एसआरबी मुख्यालय अगले कुछ सालों के लिए यातना तथा फांसी देने का प्रमुख स्थान बन गया।[25] राजनीतिक असंतोष को दबाने में मिलिट्री पुलिस व सार्वजनिक सुरक्षा इकाई (पीएसयू) सहित अन्य एजेंसियों का उपयोग किया गया।[25]

तंजानिया के राष्ट्रपति जूलियस न्येरेरे द्वारा शरण प्रदान करने की पेशकश करने के बाद ओबोटे ने तंजानिया में शरण ली। शीघ्र ही अमीन द्वारा निकाले गए युगांडा के 20000 शरणार्थी उनसे जुड़ गए। निर्वासित लोगों ने 1972 में तख्तापलट के एक कमज़ोर प्रयास द्वारा देश पर पुनः कब्ज़ा करने की कोशिश की। [26]

जातीय और अन्य समूहों का उत्पीड़न

[संपादित करें]

1972 में अमीन ने युगांडा से निर्वासित लोगों की घुसपैठ की जवाबी कार्यवाही के रूप में ओबोटे समर्थकों की सेना का सफाया कर दिया, जो कि मुख्य रूप से अछोली तथा लांगो जातीय समूहों से संबंधित थी।[27] जुलाई 1971 में, जिन्जा एवं म्बारारा बैरकों में लांगो और अछोली सैनिकों की हत्या कर दी गई,[28] तथा 1972 के प्रारंभ में लगभग 5000 अछोली व लांगो सैनिक तथा इससे कम से कम दुगुनी तादाद में नागरिक गायब हो गए।[29] पीड़ितों में शीघ्र ही दूसरे जातीय समूह, धार्मिक नेता, पत्रकार, कलाकार, वरिष्ठ नौकरशाह, न्यायाधीश, वकील, समलैंगिक, छात्र एवं बुद्धिजीवी, आपराधिक संदिग्ध और बाहरी देशों के लोग शामिल हो गए। हिंसा के इस माहौल में, कई अन्य लोग आपराधिक प्रयोजनों या सिर्फ इच्छानुसार मार दिए गए।[30]

जातीय, राजनैतिक और वित्तीय कारकों से प्रेरित ये हत्याएं अमीन के आठ वर्षों के शासन के दौरान जारी रहीं। [29] मारे गए लोगों की सही संख्या अज्ञात है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायविद आयोग के एक अनुमान के अनुसार कम से कम 80,000 और अधिक से अधिक लगभग 3,00,000 लोग मारे गए। एमनेस्टी इंटरनेशनल की मदद से निर्वासित संगठनों द्वारा संकलित अनुमान के अनुसार 5,00,000 लोग मारे गए।[6] मारे गए सबसे प्रमुख लोगों में पूर्व प्रधानमंत्री और बाद में मुख्य न्यायाधीश बनने वाले बेनेडिक्टो किवानुका; अंग्रेज बिशप जनानी लुवुम, सेंट्रल बैंक के भूतपूर्व गवर्नर जोसेफ मुबिरू, मकेरेरे यूनिवर्सिटी के कुलपति फ्रैंक कलिमुजो, एक प्रमुख नाटककार बायरन कवाडवा तथा अमीन की अपनी ही कैबिनेट के दो मंत्री एरिनायो विल्सन ओर्येमा तथा चार्ल्स ओबोथ ओफुम्बी शामिल थे।[31]

अमीन के सहयोगी मुअम्मर गद्दाफी ने अमीन को युगांडा से एशियाई लोगों को निष्कासित करने के लिए कहा.[32] अगस्त 1972 में, अमीन ने "आर्थिक युद्ध" की घोषणा के रूप में ऐसी नीतियां बनाईं, जिनमें एशियाई और यूरोपीय लोगों की संपत्तियां जब्त करने की बात कही गई थी। युगांडा के 80,000 एशियाई लोगों में से अधिकांश भारतीय उपमहाद्वीप से संबंधित थे और उस देश में जन्मे थे क्योंकि उनके पूर्वज तभी से वहां रह रहे थे जब यह देश एक ब्रिटिश उपनिवेश था। उनमे से कई लोग बड़े उद्योगों के साथ-साथ व्यवसायों से जुड़े थे, जो एकसाथ मिल कर युगांडा की अर्थव्यवस्था के लिए रीढ़ का काम करते थे। 4 अगस्त,1972 को अमीन ने उन 60000 एशियाई लोगों के निष्कासन का फरमान जारी किया जो युगांडा के नागरिक नहीं थे (उनमें से अधिकांश के पास ब्रिटिश पासपोर्ट थे). बाद में डॉक्टरों, वकीलों तथा शिक्षकों जैसे पेशेवरों को छोड़ कर यह संख्या संशोधित करके 80000 कर दी गई। ब्रिटिश पासपोर्ट धारक अधिकांश एशियाई, जिनकी संख्या लगभग 30000 थी, ब्रिटेन चले गए। अन्य लोग ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, भारत, केन्या, पाकिस्तान, स्वीडन, तंज़ानिया और अमेरिका चले गए।[33][34][35] अमीन ने एशियाई लोगों के व्यापार और संपत्तियों को जब्त कर लिया और उन्हें अपने समर्थकों को सौंप दिया। बाद में व्यापारों का प्रबंधन ठीक से नहीं हुआ और रखरखाव के अभाव में उद्योग ख़त्म हो गए। यह पहले से ही गिरती हुई अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी सिद्ध हुआ।[24]

1977 में, अमीन के स्वास्थ्य मंत्री और पूर्व ओबोटे शासन के एक पूर्व अधिकारी हेनरी काएम्बा ने देशद्रोह कर दिया और ब्रिटेन में जा कर बस गए। काएम्बा ने 'ए स्टेट ऑफ़ ब्लड ' का लेखन और प्रकाशन किया, जो अमीन के नियमों के अंदरूनी राज़ खोलने वाली पहली पुस्तक थी।

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

[संपादित करें]

1972 में युगांडा के एशियाई लोगों के निष्कासन के बाद, जिनमे से अधिकांश भारत के निवासी थे, भारत ने युगांडा से अपने राजनयिक संबंध तोड़ लिए। उसी वर्ष, अपनी "आर्थिक युद्ध' की नीति के तहत अमीन ने ब्रिटेन के साथ अपने राजनयिक संबंध समाप्त कर लिए और ब्रिटिश स्वामित्व वाली 85 कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर दिया.

उस वर्ष, इज़राइल के साथ संबंधों में खटास आ गई। हालांकि इज़राइल ने पूर्व में युगांडा को हथियारों की आपूर्ति की थी, फिर भी 1972 में अमीन ने इजराइली सैन्य सलाहकारों को निष्कासित कर दिया और समर्थन के लिए अपना झुकाव लीबिया के मुअम्मर अल-गद्दाफी और सोवियत संघ की ओर कर लिया।[27] अमीन इसराइल का एक मुखर आलोचक बन गया।[36] बदले में, गद्दाफी ने अमीन को वित्तीय सहायता प्रदान की.[37] General Idi Amin Dada: A Self Portrait वृतचित्र में अमीन ने इज़राइल के खिलाफ पैराशूट टुकड़ियों, बमवर्षकों तथा आत्महत्या करने वाले हमलावरों की सहायता से युद्ध करने की अपनी योजना की चर्चा की थी।[9] अमीन ने बाद में कहा कि "छह मिलियन यहूदियों को जला कर मारने वाला" हिटलर सही था।[38]

सोवियत संघ अमीन के लिए हथियारों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया।[3] पूर्वी जर्मनी जनरल सर्विस यूनिट और स्टेट रिसर्च ब्यूरो में शामिल था, व ये दोनों एजेंसियां आतंक के लिए सर्वाधिक कुख्यात थीं। बाद में 1979 में युगांडा के तंजानिया पर आक्रमण के दौरान, पूर्वी जर्मनी ने इन एजेंसियों के साथ अपनी भागीदारी के सबूतों को मिटाने का प्रयास किया।[4]

1973 में, अमेरिका के राजदूत थॉमस पैट्रिक मेलाडी ने सिफारिश की कि संयुक्त राज्य अमेरिका को युगांडा में अपनी उपस्थिति को कम करना चाहिए। मेलाडी ने अमीन के शासन का वर्णन "जातिवाद, अनिश्चित और अप्रत्याशित, क्रूर, अयोग्य, लड़ाकू, तर्कहीन, भद्दा और सैन्यवाद" के रूप में किया।[39] तदनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका ने कंपाला में स्थित अपना दूतावास बंद कर दिया।

जून 1976 में, अमीन ने फिलीस्तीन लिबरेशन के लिए पापुलर फ्रंट- बाहरी कार्यवाही (पीऍफ़एलपी-ईओ) के दो सदस्यों तथा जर्मन विद्रोही गुट जैलेन के दो सदस्यों द्वारा अपहृत एयर फ्रांस के एक विमान को एंटेब्बे हवाई अड्डे पर उतरने की अनुमति दी। यहां, तीन और लोग अपहर्ताओं से जुड़े. इसके तुरंत बाद, 156 गैर-यहूदी बंधकों, जिनके पास इजराइली पासपोर्ट नहीं थे, को रिहा कर दिया गया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया, जबकि 83 यहूदी और इजराइली नागरिकों तथा उन्हें छोड़ने से मना करने वाले 20 अन्य लोगों (जिनमें अपहृत एयर फ़्रांस जेट का कप्तान तथा चालक दल शामिल था) को बंधक बना कर रखा गया। इज़राइल की जवाबी बचाव कारर्वाई में, जिसे ऑपरेशन थंडरबोल्ट का कूट नाम दिया गया था (ऑपरेशन एंटेब्बे के नाम से अधिक लोकप्रिय है), लगभग सभी बंधक मुक्त हो गए। आपरेशन के दौरान तीन बंधकों की मृत्यु हो गई और 10 घायल हो गए; सात अपहर्ताओं व युगांडा के 45 सैनिकों सहित एक इस्राइली सैनिक योनि नेतान्याहू भी मारा गया था। चौथे बंधक, 75 वर्षीय डोरा ब्लोच, जिसे बचाव कारर्वाई से पहले कंपाला स्थित मुलागो अस्पताल ले जाया जा रहा था, की बाद में प्रतिशोध स्वरूप हत्या कर दी गई। इस घटना से युगांडा के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में और भी कड़वाहट आ गई, जिससे ब्रिटेन में युगांडा स्थित अपना उच्च आयोग बंद कर दिया। [40]

अमीन के शासन में युगांडा में एक बड़े सैन्य निर्माण की शुरुआत हुई जिससे केन्या को चिंता हुई। जून 1975 में शुरू में, केन्याई अधिकारियों ने मोम्बासा बंदरगाह से युगांडा को जाने वाली सोवियत संघ में निर्मित हथियारों की एक बड़ी खेप को जब्त कर लिया। फरवरी 1976 में युगांडा और केन्या के बीच का तनाव तब चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया जब अमीन ने घोषणा की कि वह इस संभावना की जांच करेगा कि दक्षिणी सूडान तथा पश्चिमी एवं मध्य केन्या से नैरोबी के 32 किलोमीटर (20 मील) तक के हिस्से एतिहासिक रूप से औपनिवेशिक युगांडा के हिस्से थे। केन्याई सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया के साथ बयान दिया कि केन्या "अपने क्षेत्र का एक इंच हिस्सा" भी अलग नहीं होने देगा। केन्याई सेना द्वारा केन्या-युगांडा सीमा पर टुकड़ियों तथा बख्तरबंद वाहनों को तैनात करने के बाद अमीन पीछे हट गया।[41]

स्कॉटलैंड का राजा

[संपादित करें]

1976 के अंत के पास, अमीन ने आधिकारिक तौर पर खुद को "स्कॉटलैंड का बेताज बादशाह" घोषित किया (इस तथ्य के बावजूद कि इस उपाधि का उचित नाम किंग ऑफ़ स्कॉट्स है).[42] अमीन स्कॉटिश किल्ट (एक प्रकार का परिधान) पहन कर अपने मेहमानों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत स्कॉटिश अकॉर्डियन संगीत से करता था।[43] उसने रानी एलिजाबेथ द्वितीय को लिखा, ​​"मैं चाहता हूं कि आप मेरे लिए स्कॉटलैंड, आयरलैंड तथा वेल्स की यात्राओं का प्रबंध करें ताकि मैं उन क्रांतिकारी आंदोलनों के प्रमुख लोगों से मिलूं जिन्होनें आपके साम्राज्यवादी उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई लड़ी है", तथा कथित रूप से रानी के एक सन्देश भेजा जिसमें लिखा था: "प्रिय लिज़, यदि तुम असली मर्द के बारे में जानना चाहती हो, तो कंपाला आओ."[44] अमीन कभी-कभी यह तर्क देता था कि वह "स्कॉटलैंड का अंतिम राजा" था।[45]

अनियमित व्यवहार, स्वयं को प्रदान की गई उपाधियां और मीडिया द्वारा चित्रण

[संपादित करें]
1977 में एडमंड एस. वॉल्टमैन द्वारा सैनिक और राष्ट्रपति पद के पोशाक में अमीन का एक कारटून

अपने शासन के दौरान अमीन और अधिक अनिश्चित तथा मुखर हो गया। 1971 में, अमीन और जायरे के राष्ट्रपति मोबुटू सेसे सेको ने अलबर्ट झील और एडवर्ड झील का नाम बदल कर क्रमशः मोबुटू सेसे सको झील तथा ईदी अमीन दादा झील कर दिया। [46]

1977 में ब्रिटेन द्वारा उसके शासन के साथ राजनयिक संबंधों को तोड़ने के बाद अमीन ने घोषणा की कि उसने ब्रिटिशों को हराया है तथा स्वयं को सीबीई (CBE) (ब्रिटिश साम्राज्य का विजेता) की उपाधि दी। स्कॉटलैंड के बेताज बादशाह के अपने आधिकारिक दावे के अतिरिक्त ताउम्र के लिए उसके द्वारा स्वयं को दी गई उपाधि थी "महामहिम, आजीवन राष्ट्रपति, फील्ड मार्शल अल हदजी डॉक्टर[B] ईदी अमीन दादा, वीसी (vc),[C] डीएसओ (DSO), एमसी (mc), धरती के प्राणियों और समुद्र की मछलियों का ईश्वर तथा अफ्रीका व विशेष रूप से युगांडा में ब्रिटिश साम्राज्य का विजेता".[47]

अमीन अफवाहों एवं मिथकों का विषय बन गया जिसमें एक व्यापक धारणा थी कि वह नरभक्षी था।[48][49] अपनी पत्नियों में से एक के शव की विकृति सहित कुछ निराधार अफवाहें 1980 की एक फिल्म राइज़ एंड फाल ऑफ़ ईदी अमीन द्वारा फैली तथा लोकप्रिय हुई थीं और 2006 में द लास्ट किंग ऑफ़ स्कॉटलैंड में इन घटनाओं की ओर संकेत किया गया था।[50]

सत्ता में अमीन के कार्यकाल के दौरान, युगांडा के बाहर लोकप्रिय मीडिया अक्सर उसे अनिवार्य रूप से एक हास्य और विलक्षण व्यक्ति के रूप में दर्शाता था। 1977 में टाइम पत्रिका के एक लेख की समीक्षा में उसे "हत्यारा व जोकर, बड़े दिल वाला विदूषक और एक सैन्य अनुशासन में रहने वाले एक अकडू" के रूप में वर्णित किया गया था।[51] अमीन के अत्यधिक स्वाद और सत्ता में सबसे ऊंचा उठने की सनक पर ध्यान केन्द्रित करने के कारण युगांडा से निर्वासित लोग व विद्रोही उसके जानलेवा व्यवहार को अनदेखा करने या नकारने के लिए अक्सर विदेशी मीडिया की आलोचना करते थे।[52] अन्य टिप्पणीकरों ने यह भी सुझाव दिया है कि अमीन ने जानबूझ कर अपनी सनकी छवि विदेशी मीडिया में आसानी से मजाक का विषय बनने वाले विदूषक के रूप में बनाई थी ताकि युगांडा में उसके शासन से संबंधित कोई अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा न उठे.[53]

गद्दी छोड़ना और निर्वासन

[संपादित करें]

1978 तक अमीन के समर्थकों और करीबी सहयोगियों की संख्या में काफी कमी आ गई थी और वर्षों से उपेक्षा और दुरुपयोग की वजह से अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे के ढहने के कारण उसे युगांडा के भीतर आबादी के बढ़ते असंतोष का सामना करना पड़ा. 1977 में बिशप लुवुम तथा ओर्येमा एवं ओबोथ ओफुम्बी नामक मंत्रियों की हत्याओं के बाद, अमीन के कई मंत्रियों ने पाला बदल लिया या निर्वासित जीवन जीने लगे। [54] उसी वर्ष के में नवम्बर में अमीन का उप राष्ट्रपति, जनरल मुस्तफा अदरीसी एक कार दुर्घटना में घायल हो गया, व उसके वफादार सैनिकों ने बगावत कर दी। अमीन ने विद्रोहियों, जिनमे से कुछ तंजानिया की सीमा में घुस गए थे, के खिलाफ सैन्य टुकड़ियां भेजीं.[24] अमीन ने तंजानिया के राष्ट्रपति जूलियस न्येरेरे पर युगांडा के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया, तंजानिया के क्षेत्रों में आक्रमण का आदेश दिया और औपचारिक रूप से सीमा पार कगेरा क्षेत्र के एक खंड पर कब्जा कर लिया।[24][26]

जनवरी 1979 में, न्येरेरे ने तंजानिया के लोगों की रक्षक सेना तैयार की और जवाबी हमला कर दिया, जिसमें युगांडा से निर्वासित कई समूह शामिल हो गए जो युगांडा नेशनल लिबरेशन आर्मी (यूएनएलए) के नाम से एकजुट थे। अमीन की सेना लगातार पीछे होती चली गई और लीबिया के मुअम्मर अल-गद्दाफी की सैन्य सहायता के बावज़ूद 11 अप्रैल 1979 को कंपाला पर कब्ज़ा होने के बाद वह हेलीकॉप्टर में बैठ कर पलायन करने के लिए मजबूर था। वह बचने के लिए पहले लीबिया भागा, जहां वह 1980 तक रहा, तथा अंततः सउदी अरब में बस गया जहां उसे सउदी शाही परिवार ने शरण दी और राजनीति से बाहर बने रहने के लिए उसे अच्छा खासा भुगतान किया।[8] अमीन जेद्दा में फिलिस्तीन रोड स्थित होटल नोवोटेल के ऊपर की दो मंजिलों पर कई साल तक रहा। ब्रायन बैरन, जिन्होनें बीबीसी के मुख्य अफ़्रीकी संवाददाता के रूप में नैरोबी के विसन्यूज़ के कैमरामैन मोहम्मद अमीन के साथ यूगांडा-तंज़ानिया युद्ध को कवर किया था, ने अमीन को 1980 में ढूंढ निकाला तथा उसके गद्दी से हटने के बाद उसका पहला साक्षात्कार लिया।[55]

अमीन ने कहा कि यूगांडा को उसकी आवश्यकता है और अपने शासन की प्रकृति (शासन के ढंग) के बारे में कभी भी पछतावा जाहिर नहीं किया।[56] 1989 में, उसने जाहिरा तौर पर कर्नल जुमा ओरिस द्वारा आयोजित एक सशस्त्र समूह का नेतृत्व करने के लिए युगांडा वापस लौटने की कोशिश की। वह किन्हासा, जायरे तक पहुंच गया (जो अब डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के नाम से जाना जाता है), जिसके बाद जायरे के राष्ट्रपति मोबुटू ने उसे सउदी अरब लौटने पर विवश कर दिया।

अमीन की मृत्यु

[संपादित करें]

20 जुलाई 2003 को अमीन की पत्नियों में से एक मदीना ने सूचना दी कि गुर्दे की विफलता के कारण वह कोमा में था तथा जेद्दा, सउदी अरब में किंग फैसल स्पेशलिस्ट अस्पताल में मृत्यु के निकट था। उसने युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेविनी से अपने शेष जीवन के लिए युगांडा में लौटने की अनुमति देने का आग्रह किया। मुसेवेनी ने कहा कि अमीन को "वापिस लौटते ही अपने पापों का हिसाब देना होगा".[57] 16 अगस्त 2003 को जेद्दा, सऊदी अरब के अस्पताल में अमीन का निधन हो गया। उसे जेद्दा में रुवैस कब्रिस्तान में दफनाया गया।[58]

परिवार और सहयोगी

[संपादित करें]

बहुविवाह में यकीन रखने वाले ईदी अमीन ने कम से छह महिलाओं से विवाह किया, जिनमे से तीन को उसने तलाक दे दिया। 1966 में उसने अपनी पहली और दूसरी पत्नियों, मल्यामु और काय से शादी की। उसके अगले वर्ष, 1972 में उसने नोरा और फिर नालोंगो मदीना से शादी की। 26 मार्च 1974 को उसने युगांडा रेडियो पर घोषणा की कि उसने मल्यामु, नोरा और काय को तलाक दे दिया था।[59][60] अप्रैल 1974 में मल्यामु को केन्याई सीमा पर टोरोरो में गिरफ्तार किया गया और उस पर केन्या में कपड़े के थान की तस्करी के प्रयास का आरोप लगाया गया। वह बाद में लंदन चली गई।[59][61] 13 अगस्त 1974 को काय की कथित रूप से अपने प्रेमी डॉ॰ म्बालू मुकासा (जिसने स्वयं भी आत्महत्या कर ली थी) द्वारा गर्भपात शल्यक्रिया करते समय मृत्यु हो गई।[उद्धरण चाहिए]. उसका शरीर टुकड़ों में बंटा पाया गया था। अगस्त 1975 में, कंपाला में अफ़्रीकी एकता संगठन (OAU) के शिखर सम्मेलन की बैठक के दौरान अमीन ने साराह क्योलाबा से शादी की। साराह का प्रेमी, जिसके साथ वह अमीन से मिलने से पहले रह रही थी, गायब हो गया और फिर कभी भी नहीं मिला। अमीन ने लीबिया में निर्वासित होने के बाद आभार स्वरूप मुअम्मर अल-गद्दाफी की बेटी आयशा अल-गद्दाफी से शादी की, किन्तु उसने बाद में अमीन को तलाक दे दिया। [62] 1993 तक अमीन अपने आखिरी नौ बच्चों और एक पत्नी मामा ए चुमारू के साथ रह रहा था, जो उसके सबसे छोटे चार बच्चों की मां थी। उसका अंतिम ज्ञात बच्चा ईमान नाम के बेटी थी जो 1992 में पैदा हुई थी।[63] द मॉनिटर के अनुसार, 2003 में अपनी मृत्यु से कुछ माह पहले अमीन ने फिर से एक शादी की थी।[61]

अमीन के बच्चों की संख्या के बारे में सूत्र एकमत नहीं हैं; अधिकांश का कहना है कि उसके 30 से 45 बच्चे थे।[D] 2003 तक, ईदी अमीन का सबसे बड़ा बेटा ताबान अमीन (जन्म 1955)[64], वेस्ट नाइल बैंक फ्रंट (डब्ल्यूएनबीऍफ़/WNBF) का प्रमुख था, जो योवेरी मुसेवेनी की सरकार के खिलाफ एक विद्रोही गुट था। 2005 में उसे मुसेवेनी द्वारा आम माफ़ी की पेशकश की गई, तथा 2006 में उसे आंतरिक सुरक्षा संगठन का उप निदेशक जनरल नियुक्त किया गया।[65] अमीन के एक और पुत्र हाजी अली अमीन ने 2002 में न्जेरू नगर परिषद् के अध्यक्ष (अर्थात मेयर) का चुनाव लड़ा किन्तु वह निर्वाचित नहीं हुआ।[66] 2007 की शुरुआत में, पुरस्कार विजेता फिल्म द लास्ट किंग ऑफ़ स्कॉटलैंड में उसके एक बेटे जफ़र अमीन (जन्म 1967)[67] को अपने पिता के पक्ष में बोलते हुए देखा गया। जफ़र अमीन ने कहा कि वह अपने पिता की प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित करने के लिए एक किताब लिख रहा था।[68] जफ़र अमीन की सात आधिकारिक पत्नियों से पैदा होने वाले 40 आधिकारिक बच्चों में दसवां है।[67]

3 अगस्त 2007 को अमीन के पुत्रों में से एक, फैसल वान्गिटा (जन्म फरवरी 1983)[69], को लन्दन में हुई एक हत्या में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया।[70] वान्गिटा की मां अमीन की पांचवीं पत्नी साराह क्योलाबा (जन्म 1955)[71] है जो एक पूर्व गो-गो नर्तकी थी, किन्तु युगांडा की सेना के क्रांतिकारी आत्महत्या के लिए प्रेरित रेजिमेंट बैंड के लिए गो-गो नर्तकी होने के कारण 'सुसाइड साराह' के नाम से जानी जाती थी।[71]

अमीन के सबसे निकट सहयोगियों में ब्रिटेन में जन्मा बॉब एस्टल था, जिसे कई लोगों द्वारा बदनाम व्यक्तित्व वाला माना जाता है, तथा कई अन्यों द्वारा माध्यम श्रेणी का माना जाता है।[72] इसहाक माल्यामुंगु एक महत्वपूर्ण सहायक और अमीन की सेना के सबसे खौफनाक अधिकारियों में से एक था।[54]

मीडिया और साहित्य में चित्रण

[संपादित करें]

फिल्म व नाटकीय रूपांतर

[संपादित करें]
  • विक्टरी एट एंटेब्बे (1976), के बारे में ऑपरेशन एंटेब्बे के बारे में एक टीवी फिल्म. जूलियस हैरिस ने हास्यपूर्ण ढंग से अमीन की भूमिका निभाई है। मूलतः गॉडफ्रे कैम्ब्रिज को अमीन की भूमिका प्रदान की गई थी, किन्तु सेट पर दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई।
  • रेड ऑन एंटेब्बे (1977), एक फिल्म है जिसमें ऑपरेशन एंटेब्बे की घटनाओं का चित्रण किया गया है। याफेत कोट्टो ने अमीन के रूप में एक करिश्माई लेकिन गुस्सैल राजनीतिक और सैन्य नेता का किरदार निभाया है।
  • मिव्त्सा योनाटन (1977; जिसे ऑपरेशन थंडरबोल्ट के नाम से भी जाना जाता है), ऑपरेशन एंटेब्बे के बारे में एक इज़रायली फिल्म है, जिसमें जमैका में जन्मे ब्रिटिश अभिनेता मार्क हीथ ने अमीन का किरदार निभाया है। इसमें अमीन पहले उन जर्मन आंतकवादियों पर क्रोधित होता है, जिनका वह बाद में समर्थन करता है।
  • राइज़ एंड फाल ऑफ़ ईदी अमीन (1981), एक फिल्म है जिसमें ईदी अमीन के अत्याचारों को पुनः.दर्शाया गया है। अमीन की भूमिका केन्याई अभिनेता जोसेफ ओलिटा ने निभाई है।
  • द नेकेड गन (1988), एक कॉमेडी फिल्म है जिसमें ईदी अमीन (प्रिंस ह्यूज) और यासर अराफात, फिदेल कास्त्रो, मिखाइल गोर्बाच्योव, रुशोल्लाह खुमैनी और मुअम्मर अल-गद्दाफी जैसे अन्य विश्व नेता संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ षड्यंत्र रचने के लिए बेरूत में मिलते हैं।
  • मिसिसिपी मसाला (1991), एक फिल्म है जिसमें युगांडा में ईदी अमीन द्वारा एशियाइयों के निष्कासन के बाद एक भारतीय परिवार के पुनर्वास का चित्रण है। एक बार फिर जोसेफ ओलिटा ने अमीन की एक छोटी किन्तु महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • द लास्ट किंग ऑफ़ स्कॉटलैंड (2006), जाइल्स फ़ोडेन के 1988 के इसी नाम के काल्पनिक उपन्यास का फ़िल्मी रूपांतरण है। इस फिल्म में फोरेस्ट व्हिटाकर ने ईदी अमीन की अपनी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अकादमी पुरस्कार, बाफ्टा (BAFTA), सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (ड्रामा) का स्क्रीन'स एक्टर्स गिल्ड अवार्ड और गोल्डन ग्लोब पुरस्कार जीते।

वृत्तचित्र

[संपादित करें]
  • General Idi Amin Dada: A Self Portrait (1974), फ्रांसीसी फिल्म निर्माता बार्बेट श्रोएडर द्वारा निर्देशित.
  • Idi Amin: Monster in Disguise (1997), ग्रेग बेकर द्वारा निर्देशित एक टेलीविजन वृत्तचित्र.
  • द मैन हू एट हिज़ आर्कबिशप'स लीवर? (2004), एक टीवी वृत्तचित्र जिसका लेखन, निर्माण और निर्देशन एलिजाबेथ सी. जोन्स द्वारा एसोसिएटेड-रिडिफ्यूज़न और चैनल 4 के लिए किया गया।
  • द मैन हू स्टोल युगांडा (1971), वर्ल्ड इन एक्शन पहला प्रसारण 5 अप्रैल 1971 को किया गया।
  • इनसाइड ईदी अमीन टेरर मशीन (1979), वर्ल्ड इन एक्शन पहला प्रसारण 13 जून 1979 को किया गया।

पुस्तकें

[संपादित करें]
  • हेनरी कायेम्बा की स्टेट ऑफ़ ब्लड: द इनसाइड स्टोरी ऑफ़ ईदी अमीन (1977)
  • पीटर नज़ारेथ की द जनरल इज़ अप
  • जॉर्ज इवान स्मिथ की घोस्ट्स ऑफ़ कंपाला: द राइज़ एंड फाल ऑफ़ ईदी अमीन (1980)
  • जाइल्स फ़ोडेन की द लास्ट किंग ऑफ़ स्कॉटलैंड (1998) (काल्पनिक)
  • थॉमस पैट्रिक मेलाडी की Idi Amin Dada: Hitler in Africa
  • डेविड मार्टिन की जनरल अमीन (1975)[disambiguation needed]
  • एलन कोरेन की द कलेक्टेड बुलेटिन्स ऑफ़ ईदी अमीन (1974) तथा फर्दर बुलेटिन्स ऑफ़ प्रेज़िडेंट ईदी अमीन (1975) जिसमें अमीन को एक सुशील व्यक्ति के रूप में चित्रित किया गया हो जो प्राणघाती होने पर एक दयनीय तानाशाही शासन का विदूषक लगता है। एलन ने इसकी संगीत प्रस्तुति - 'द कलेक्टेड ब्रॉडकास्ट ऑफ़ ईदी अमीन" के कुछ हिस्सों को भी जारी किया था। 1975 में ट्रान्साटलांटिक रिकॉर्ड्स पर जारी होने वाली यह एक ब्रिटिश कॉमेडी एल्बम थी जिसमें युगांडा के तानाशाह ईदी अमीन की नक़ल की गई थी। इसे जॉन बर्ड द्वारा अभिनीत किया गया और एलन कोरेन द्वारा लिखा गया था, जो उनके द्वारा पंच पत्रिका में लिखे गए स्तंभों पर आधारित थी।
  • फेस्टो किवेन्गेरे की आई लव ईदी अमीन: द स्टोरी ऑफ़ ट्रन्फ़ अंडर फायर इन मिडस्ट ऑफ़ सफरिंग एंड प्रोसीक्यूशन इन युगांडा (1977)
  • एरिया कातेगाया की इम्पैशन्ड फॉर फ्रीडम: युगांडा, स्ट्रगल अगेंस्ट ईदी अमीन (2006)
  • जमीला सिद्दीकी की द फीस्ट ऑफ़ नाइन विर्जिन्स (2001)
  • जमीला सिद्दीकी की बॉम्बे गार्डन्स (2006)
  • ऍफ़.केफा सेम्पांगी की ए डिस्टेंट ग्रीफ (1979)
  • डोनाल्ड ई. वेस्टलेक की कहवा (1981)
  • डोनाल्ड ट्रेवर द्वारा संकलित कंफेशंस ऑफ़ ईदी अमीन: द चिलिंग, एक्सप्लोसिव एक्सपोज़ ऑफ़ अफ्रीका'ज़ मोस्ट एविल मैन - इन हिज़ ऑन वर्ड्स (1977)
  • शेनाज़ नान्जी की चाइल्ड ऑफ़ डंडेलियंस, गवर्नर जनरल अवार्ड फाइनलिस्ट (2008)
  • कैम्पबेल, एम. एंड कोहेन, ई.जे. की ( 1960) रग्बी फुटबॉल इन ईस्ट अफ्रीका 1909-1959. पूर्वी अफ्रीका के रग्बी फुटबॉल संघ द्वारा प्रकाशित

टिप्पणियां

[संपादित करें]
  • ^ एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका, एनकार्टा और कोलंबिया एनसाइक्लोपीडिया जैसे कई स्त्रोतों का मानना है कि अमीन का जन्म कोबोको या कंपाला में 1925 के आसपास हुआ था और यह कि उसके जन्म की सही तारीख अज्ञात है। शोधकर्ता फ्रेड गुवेडेको ने दावा किया है कि अमीन का जन्म 17 मई 1928 को हुआ था[7], लेकिन यह विवादित है।[73] लेकिन इतना निश्चित है कि अमीन का जन्म 1920 के दशक के मध्य के दौरान किसी समय हुआ था।
  • ^ उसने मकेरेरे यूनिवर्सिटी से स्वयं को डाक्टरेट ऑफ़ लॉ की उपाधि दिलवाई.[5]
  • ^ विक्टोरियस क्रॉस (वीसी) था एक पदक था, जो ब्रिटिश विक्टोरिया क्रॉस का अनुकरण करने के लिए बनाया गया था।[74]
  • ^ , हेनरी क्येमा अफ्रीकी अध्ययनों की समीक्षा के अनुसार,[75] ईदी अमीन के 34 बच्चे थे। कुछ सूत्रों का कहना है कि अमीन ने 32 बच्चों के पिता होने का दावा किया है। द मॉनिटर की एक रिपोर्ट के अनुसार वह अपने पीछे 45 बच्चे छोड़ गया था,[61] जबकि बीबीसी की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार यह आंकड़ा 54 है।[76]

फुटनोट्स

[संपादित करें]
  1. Ullman, Richard H. (अप्रैल 1978). "Human Rights and Economic Power: The United States Versus Idi Amin". Foreign Affairs. मूल से 18 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-03-26. The most conservative estimates by informed observers hold that President Idi Amin Dada and the terror squads operating under his loose direction have killed 100,000 Ugandans in the seven years he has held power.
  2. Roland Anthony Oliver, Anthony Atmore. Africa since 1800. पृ॰ 272.
  3. Dale C. Tatum. Who influenced whom?. पृ॰ 177.
  4. गैरेथ एम. विन्रो: अफ्रीका में जीडीआर (GDR) के विदेशी नीति, पृष्ठ 141
  5. 2-11-1447_1390595,00.html "Idi Amin: a byword for brutality" जाँचें |url= मान (मदद). News24. 2003-07-21. अभिगमन तिथि 2007-12-02.[मृत कड़ियाँ]
  6. Keatley, Patrick (18 अगस्त 2003). "Obituary: Idi Amin". द गार्डियन. London. मूल से 27 जुलाई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-03-18.
  7. Guweddeko, Fred (12 जून 2007). "Rejected then taken in by dad; a timeline". The Monitor. मूल से 12 जून 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  8. "Idi Amin". Encyclopædia Britannica. 19 दिसम्बर 2008. मूल से 18 नवंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08. Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (मदद)
  9. General Idi Amin Dada: A Self Portrait. Le Figaro Films. 1974. 
  10. Bay, Austin (20 अगस्त 2003). "Why Didn't Amin Rot and Die in Jail?". Strategy Page. मूल से 9 दिसंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  11. Bridgland, Fred (16 अगस्त 2003). "Idi Amin". Scotsman. मूल से 18 सितंबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  12. कैन, निक और ग्रोडेन, ग्रेग रग्बी यूनियन फॉर डमिज़ में "अध्याय 21: रग्बी के विचित्र तथ्य" (2वीं संस्करण), पृष्ठ294 (प्रकाशन: जॉन विली एंड संस, चिचेस्टर, इंग्लैंड) ISBN 978-0-470-03537-5
  13. Johnston, Ian (17 अगस्त 2003). "Death of a despot, buffoon and killer". Scotsman. मूल से 21 जनवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-24.
  14. कॉटन, पृष्ठ 111
  15. कैम्पबेल, एम. और कोहेन, ई.जे. (1960) पूर्व अफ्रीका में रग्बी फुटबॉल 1909-1959 . पूर्वी अफ्रीका के रग्बी फुटबॉल संघ द्वारा प्रकाशित
  16. "संग्रहीत प्रति". मूल से 25 सितंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अप्रैल 2011.
  17. "Country Studies: Uganda: Independence: The Early Years". Federal Research Division. United States Library of Congress. मूल से 25 जून 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  18. "Idi Amin Dada Biography". Encyclopedia of World Biography. Thomson Gale. 2005. मूल से 19 मई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अप्रैल 2011.
  19. Nantulya, Paul (2001). "Exclusion, Identity and Armed Conflict: A Historical Survey of the Politics of Confrontation in Uganda with Specific Reference to the Independence Era" (PDF). मूल (PDF) से 4 अक्तूबर 2006 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अप्रैल 2011.
  20. "General Idi Amin overthrows Ugandan government". British Council. 2 फ़रवरी 1971. मूल से 14 मार्च 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  21. "On this day: 25 जनवरी 1971: Idi Amin ousts Ugandan president". BBC. 1971-01-25. मूल से 28 जनवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  22. Fairhall, John (26 जनवरी 1971). "Curfew in Uganda after military coup topples Obote". द गार्डियन. London. मूल से 19 फ़रवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  23. Mbabaali, Jude (अगस्त 2005). "The Role of Opposition Parties in a Democracy: The Experience of the Democratic Party of Uganda" (PDF). Regional Conference on Political Parties and Democratisation in East Africa. मूल (PDF) से 8 अक्तूबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  24. "Country Studies: Uganda: Military Rule Under Amin". Federal Research Division. United States Library of Congress. मूल से 25 जून 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  25. "Country Studies: Uganda: Post-Independence Security Services". Federal Research Division. United States Library of Congress. मूल से 25 जून 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  26. "An Idi-otic Invasion". Time. 13 नवम्बर 1978. मूल से 20 अक्तूबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  27. Tall, Mamadou (1982). "Notes on the Civil and Political Strife in Uganda". A Journal of Opinion. Issue: A Journal of Opinion, Vol. 12, No. 1/2. 12 (1/2): 41–44. डीओआइ:10.2307/1166537. अभिगमन तिथि 2009-08-09. नामालूम प्राचल |month= की उपेक्षा की गयी (मदद)
  28. Lautze, Sue. "Research on Violent Institutions in Unstable Environments: The livelihoods systems of Ugandan army soldiers and their families in a war zone" (PDF). Hertford College, Oxford University. मूल (PDF) से 26 फ़रवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अप्रैल 2011. Cite journal requires |journal= (मदद)
  29. Moore, Charles (17 सितंबर 2003). "Obituary: Idi Amin". Daily Telegraph. London. मूल से 12 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 जून 2020.
  30. "Disappearances and Political Killings: Human Rights Crisis of the 1990s: A Manual for Action" (PDF). Amnesty International. मूल (PDF) से 9 मार्च 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अप्रैल 2011.
  31. "Special report: Who were Amin's victims?". The Daily Monitor. 13 जून 2007. मूल से 13 जून 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अप्रैल 2011.
  32. Idi Amin, Benoni Turyahikayo-Rugyema (1998). Idi Amin speaks: an annotated selection of his speeches. पृ॰ 43.
  33. Luganda, Patrick (29 जुलाई 2003). "Amin's Economic War Left Uganda on Crutches". New Vision. Kampala.
  34. "On this day: अगस्त 7th 1972: Asians given 90 days to leave Uganda". BBC. 1972-08-07. मूल से 13 जुलाई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  35. "Flight of the Asians". Time. 11 सितंबर 1972. मूल से 29 जनवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  36. जैमिसन, एम. ईदी अमीन और युगांडा: एक एनोटेट ग्रंथसूचि, ग्रीनवूड प्रेस, 1992, पीपी.155-6
  37. Idi Amin, Benoni Turyahikayo-Rugyema (1998). Idi Amin speaks: an annotated selection of his speeches.
  38. अमीन जल्लाद का अंत Archived 2012-08-19 at the वेबैक मशीन द सन-हेराल्ड 17 अगस्त 2003
  39. "240. Telegram 1 From the Embassy in Uganda to the Department of State, जनवरी 2nd, 1973, 0700Z". Foreign relations. Office of the Historian. E-6. 2 जनवरी 1973. मूल से 10 जून 2006 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08. |work= और |journal= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)
  40. "On this day: जुलाई 7th 1976: British grandmother missing in Uganda". BBC. 1976-07-07. मूल से 29 जून 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  41. "'Dada' always rubbed Kenya the wrong way". Sunday Nation. 17 अगस्त 2003. मूल से 6 फ़रवरी 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अप्रैल 2011.
  42. Schwartzenberg, Roger-Gérard (1980). The superstar show of government. Barron's; Original: University of California Press. पृ॰ 257. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0812052587, 9780812052589 |isbn= के मान की जाँच करें: invalid character (मदद).
  43. Sapolsky, Robert M. (2002). A Primate's Memoir. Simon and Schuster. पृ॰ 86. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0743202414, 9780743202411 |isbn= के मान की जाँच करें: invalid character (मदद).
  44. Beaumont, Peter (17 अगस्त 2003). "Idi Amin Dada, VC, CBE .. RIP". The Observer. London. मूल से 21 फ़रवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 नवम्बर 2010.
  45. Ludwig, Arnold M. (2004). King of the Mountain: The Nature of Political Leadership. University Press of Kentucky. पृ॰ 73. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0813190681, 9780813190686 |isbn= के मान की जाँच करें: invalid character (मदद).
  46. "Purges and Peace Talks". Time. 16 अक्टूबर 1972. मूल से 29 जनवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  47. पोस्ट, जेरोल्ड एम.; जॉर्ज, सिकंदर (2004). असुरक्षित दुनिया में नेता और उनके अनुगामी: राजनीतिक व्यवहार के मनोविज्ञान. कार्नेल विश्वविद्यालय, पृष्ठ 17. [1]
  48. Orizio, Riccardo (21 अगस्त 2003). "Idi Amin's Exile Dream". New York Times. मूल से 7 फ़रवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  49. "Museveni, munificent with monarch". The Economist. 29 नवम्बर 2007. अभिगमन तिथि 2008-06-27.
  50. Serugo, Moses (28 मई 2007). "Special Report: The myths surrounding Idi Amin". The Monitor. मूल से 28 मई 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अप्रैल 2011.
  51. "Amin:The Wild Man of Africa". Time. 28 फ़रवरी 1977. मूल से 4 मई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  52. Kibazo, Joel (13 जनवरी 2007). "A Brute, Not a Buffoon". द गार्डियन. London. मूल से 28 जून 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08. ... Amin was widely portrayed as a comic figure. Yes, he had expelled the Asians and murdered a few people, but isn't that what was expected of Africa, I used to hear.
  53. Moore, Charles (17 सितंबर 2003). "Obituary: Idi Amin". Daily Telegraph. London. मूल से 12 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 जून 2020. Throughout his disastrous reign, he encouraged the West to cultivate a dangerous ambivalence towards him. His genial grin, penchant for grandiose self-publicity and ludicrous public statements on international affairs led to his adoption as a comic figure. He was easily parodied ... however, this fascination, verging on affection, for the grotesqueness of the individual occluded the singular plight of his nation.
  54. "Not even an archbishop was spared". The Weekly Observer. 16 फ़रवरी 2006. मूल से 12 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अप्रैल 2011.
  55. Barron, Brian (2003-08-16). "The Idi Amin I knew". बीबीसी न्यूज़. मूल से 2 मार्च 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-09-16.
  56. Wasswa, Henry (17 अगस्त 2003). "Amin's death brings muted reaction". Associated Press. |access-date= दिए जाने पर |url= भी दिया जाना चाहिए (मदद)
  57. "Idi Amin back in media spotlight". BBC. 25 जुलाई 2003. मूल से 24 जून 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  58. "Idi Amin, ex-dictator of Uganda, dies". USA Today. 16 अगस्त 2003. मूल से 20 फ़रवरी 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08. Amin was buried in Jiddah's Ruwais cemetery after sunset prayers Saturday, said a person close to the family in the Red Sea port city. The source, who spoke on condition of anonymity, was told that very few people attended the funeral.
  59. "Reign of Terror: The life and loves of a tyrant". Daily Nation. 20 अगस्त 2003. मूल से 6 फ़रवरी 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  60. Kavuma, Richard (18 जून 2007). "Special Report: Big Daddy and his women". The Monitor. मूल से 18 जून 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  61. Kibirige, David (17 अगस्त 2003). "Idi Amin is dead". The Monitor. मूल से 10 जून 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  62. Idi Amin, Benoni Turyahikayo-Rugyema (1998). Idi Amin speaks: an annotated selection of his speeches. पृ॰ 43. "आभार में, परास्त होने के बाद अमीन ने कद्दाफी की बेटी के साथ शादी कर ली, लेकिन उसकी पत्नी ने उसे तलाक दे दिया इस आधार पर के वह सच्चा मुस्लिम नहीं है।"
  63. Foden, Giles (2007-08-04). "Not quite a chip off the old block". द गार्डियन. London. मूल से 27 जुलाई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अप्रैल 2011.
  64. "Son of Idi Amin threatens to sue 'Last King Of Scotland' producers". Jet. 2006. मूल से 29 जून 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अप्रैल 2011.
  65. Mcconnell, Tristan (12 फ़रवरी 2006). "Return of Idi Amin's son casts a shadow over Ugandan election". The Daily Telegraph. London. मूल से 5 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  66. "Amin's son runs for mayor". BBC. 3 जनवरी 2002. मूल से 27 अगस्त 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  67. "Idi Amin's son lashes out over 'Last King'". USA Today. 2007-02-22. मूल से 23 अगस्त 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अप्रैल 2011.
  68. "Idi Amin's son lashes out over 'Last King'". Associated Press. USA Today. 22 फ़रवरी 2007. मूल से 23 अगस्त 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  69. Levy, Megan (2007-08-03). "Idi Amin's son jailed for London gang attack". The Daily Telegraph. मूल से 16 फ़रवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अप्रैल 2011.
  70. "Idi Amin's son jailed over death". बीबीसी न्यूज़. 3 अगस्त 2007. मूल से 29 मई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  71. Bird, Steve (2007-08-04). "Idi Amins son was leader of London gang that stabbed teenager to death in street". The Times. London.[मृत कड़ियाँ]
  72. Kelly, Jane (19 अगस्त 2003). "Uganda's white rat". Daily News. मूल से 30 अप्रैल 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-08.
  73. O'Kadameri, Billie (1 सितंबर 2003). "Separate fact from fiction in Amin stories". Originally published in The Monitor. मूल से 1 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2010-05-08. Italic or bold markup not allowed in: |work= (मदद)
  74. लॉयड, लोरना (2007) पृष्ठ 239
  75. अफ्रीकन स्टडीज रिव्यू (1982) पृष्ठ 63
  76. "Amins row over inheritance". बीबीसी न्यूज़. 2003-08-25. मूल से 20 अप्रैल 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-09.

सन्दर्भ

[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ

[संपादित करें]
राजनीतिक कार्यालय
पूर्वाधिकारी
Milton Obote
President of Uganda
1971–1979
उत्तराधिकारी
Yusufu Lule

साँचा:UgandaPresidents साँचा:African Union chairpersons