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एवरेस्ट बेस कैंप

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एवरेस्ट बेस कैंप — EBC, नेपाल

दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट नेपाल और तिब्बत की सीमा भी है। इस प्रकार इसके दो बेस कैंप हैं। एक दक्षिणी बेस कैंप जो कि नेपाल में स्थित है और दूसरा उत्तरी बेस कैंप जो कि तिब्बत में स्थित है। इन बेस कैंपों का प्रयोग पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट के पर्वतारोहण के लिये आधार के तौर पर करते हैं। दक्षिणी बेस कैंप तक पहुँचने के लिये काफ़ी लंबे पैदल रास्ते का प्रयोग किया जाता है और भोजन-आपूर्ति आदि वहाँ के स्थानीय निवासी शेरपा उपलब्ध कराते हैं। दूसरी ओर, उत्तरी बेस कैंप तक सड़क बनी हुई है। बेस कैंपों पर पर्वतारोही कई-कई दिनों तक रुकते हैं ताकि वातावरण के अनुकूल हो सकें।

दक्षिणी बेस कैंप, नेपाल

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ट्रैक पर विश्राम करते ट्रैकर्स

यह ट्रैक दुनिया के सबसे प्रसिद्ध ट्रैकिंग मार्गों में से एक है और प्रतिवर्ष हज़ारों ट्रैकर्स यहाँ आते हैं। दक्षिणी एवरेस्ट बेस कैंप समुद्र तल से 5,364 मीटर (17,598 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। सामान्यतः ट्रैकर्स समय बचाने के लिये काठमांडू से लुकला तक वायुमार्ग से आते हैं और लुकला के बाद अपनी ट्रैकिंग आरंभ करते हैं। बहुत थोड़े-से ट्रैकर्स जीरी या फाफलू तक सड़क मार्ग से आकर आगे की यात्रा पैदल करते हैं।

2015 में, 40000 से ज्यादा ट्रैकर्स ने एवरेस्ट बेस कैंप की ट्रैकिंग की। इसी से इस ट्रैक की लोकप्रियता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

दक्षिणी बेस कैंप का मार्ग

लुकला से ट्रैकर्स दूधकोशी नदी के साथ-साथ ट्रैकिंग करते हुए आगे बढ़ते हैं और नामचे बाज़ार, 3,440 मीटर (11,290 फीट) पहुँचते हैं। इसमें दो दिन लग जाते हैं, लेकिन अच्छी फिटनेस वाले ट्रैकर्स इसे एक दिन में भी तय कर सकते हैं। नामचे बाज़ार इस ट्रैकिंग मार्ग का सबसे बड़ा शहर है। यहाँ ज्यादातर ट्रैकर्स एक या दो दिन रुकते हैं, ताकि ऊँचाई के अनुकूल हो सकें। इसके बाद एक दिन में तेंगबोचे पहुँचते हैं, दूसरे दिन डिंगबोचे, 4,260 मीटर (13,980 फीट) तीसरे दिन लोबुचे या घोरकक्षेप और चौथे दिन बेस कैंप पहुँच जाते हैं।

25 अप्रैल 2015 को नेपाल में जो 7.8 और 7.3 की तीव्रता के भूकंप [1] आये थे, उनसे बेस कैंप पर 19 लोगों की मृत्यु हुई थी। भूकंप से माउंट पुमो-री से हिमस्खलन हुआ और उसने बेस कैंप को तबाह कर दिया।

उत्तरी बेस कैंप, तिब्बत

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उत्तरी बेस कैंप चूँकि तिब्बत (चीन) में स्थित है, इसलिये वहाँ जाने के लिये विशेष परमिट की आवश्यकता होती है। ये परमिट हमेशा ल्हासा या चीन के किसी अन्य हिस्सों में स्थित विभिन्न मान्यताप्राप्त ट्रैवल कंपनियों के माध्यम से ही लिये जा सकते हैं। इसमें गाड़ी, ड्राइवर और गाइड़ लेना आवश्यक होता है, जो वह कंपनी उपलब्ध कराती है। सामान्य पर्यटकों के लिये बेस कैंप पर्वतारोहियों द्वारा प्रयुक्त बेस कैंप से थोड़ा पहले है।

उत्तरी बेस कैंप से दिखती एवरेस्ट

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. "Everest Base Camp a 'War Zone' After Earthquake Triggers Avalanches". National Geographic. मूल से 28 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 April 2015.

बाहरी कड़ियाँ

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साँचा:माउंट एवरेस्ट