ओम बन्ना
ओम बन्ना एक पवित्र दर्शनीय स्थल है जो राजस्थान के पाली जिले के चोटिला गांव में स्थित है। ये पाली शहर से २० किमी तथा जोधपुर से ५३ किमी दूर है। यहाँ लोग सफल यात्रा और मनोकामना मांगने दूर-दूर से आते हैं। अनेक बुद्धिजीवी इस स्थान के बारे में मानते हैं कि ओम बन्ना का स्थान है। क्यों कि ये एक बुलेट के रूप में पूजे जाते हैं तथा ये मंदिर पूरी दुनिया का अनोखा और एक मात्र बुलेट मंदिर है। [1][2]
परिचय
[संपादित करें]ओम बन्ना (बन्ना, राजपूत युवाओं के लिए प्रयुक्त एक सम्मानजनक शब्द) का पूरा नाम ओम सिंह राठौड है। ये चोटिला ठिकाने के ठाकुर जोग सिंह जी के पुत्र थे।[3] [4]
क्या है मान्यता
[संपादित करें]सन 1988 में ओम बन्ना अपनी बुलेट पर अपने ससुराल बगड़ी,साण्डेराव से अपने गाँव चोटिला आ रहे थे तभी उनका एक्सीडेंट एक पेड़ से टकराने से हो गया ओम सिंह राठौड़ की उसी वक़्त मृत्यु हो गयी एक्सीडेंट के बाद उनकी बुलेट को रोहिट थाने ले जाया गया पर अगले दिन पुलिस कर्मियों को वो बुलेट थाने में नहीं मिली वो बुलेट बिना सवारी चल कर उसी स्थान पर चली गयी अगले दिन फिर उनकी बुलेट को रोहिट थाने ले जाया गया पर फिर वही बात हुयी ऐसा तीन बार हुआ चौथी बार पुलिस ने बुलेट को थाने में चैन से बाँध कर रखा पर बुलेट सबके सामने चालू होकर पुनः अपने मालिक सवार के दुर्घटना स्थल पर पहुंच गयी अतः ग्रामीणो और पुलिस वालो ने चमत्कार मान कर उस बुलेट को वही पर रख दिया[5] उस दिन से आज तक वहाँ दूसरी कोई बड़ी दुर्घटना वह नहीं हुयी जबकि पहले ये एरिया राजस्थान के बड़े दुर्घटना क्षेत्रों में से एक था [6] ओम बन्ना की पवित्र आत्मा आज भी वह लोगो को अपनी मौजूदगी का एहसास कराती है आज भी रोहट थाने के नए ठाणेदार जोइनिंग से पहले वह धोक देते हैं[7][8]
पूजा स्थल
[संपादित करें]पाली जोधपुर राष्ट्रीय राज मार्ग पर ये स्थान है यहाँ आज भी वही बुलेट मौजूद है और ओम बन्ना का चबूतरा भी है जहा उनका एक्सीडेंट हुआ था यहाँ दिन रात जोत जलती रहती है और ग्रामीण यहाँ नारियल ,फूल,दारू आधी चढ़ावा चढ़ते हैं दूर दूर से श्रद्धालु यहाँ आते हैं[9]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ आभा शर्मा (२३ नवम्बर २०१४). "मंदिर में रखी है ओम बन्ना की बुलेट". बीबीसी. मूल से 19 जनवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 फ़रवरी 2015.
- ↑ "इस मंदिर में होती है मोटरसाइकिल की पूजा, दूर-दूर से आते हैं लोग". अमर उजाला. १८ जुलाई २०१७. मूल से 1 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 फ़रवरी 2020.
- ↑ "ये है बुलेट बाबा का मंदिर , 350cc बुलेट मोटर साइकिल की होती है पूजा". दैनिक जागरण. १७ सितंबर २०१६. मूल से 27 फ़रवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 फ़रवरी 2020.
- ↑ "राजस्थान का चमत्कारी मंदिर जिसमें बुलेट की हाेती है पूजा, यहां हर वाहन चालक लगाता है धाेक". पत्रिका. १० नवम्बर २०१७.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 19 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 फ़रवरी 2015.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 7 जुलाई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 फ़रवरी 2015.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 22 फ़रवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 फ़रवरी 2015.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 22 फ़रवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 फ़रवरी 2015.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 13 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 जून 2020.