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धौलपुर राज्य

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धौलपुर राज्य, जिसे ऐतिहासिक रूप से धौलपुर राज्य के रूप में जाना जाता है , पूर्वी राजस्थान , भारत का एक राज्य था , जिसकी स्थापना 700 ईस्वी पूर्व एक राजपुत शासक राजा धवलदेव जिसे धोलनदेव तोमर भी कहा जाता हैं ने की थी ।[1] इन्ही के नाम पर इस राज्य का नाम धवलपुर रखा गया जो बाद में अपभ्रंश होकर धौलपुर कहलाने लगा , इसके बाद यहा 846 ईस्वी में चौहान वंश का अधिकार हो गया व कई वर्षो तक चौहानों ने शासन किया गया बाद में चौहान मुख्यत ग्वालियर की ओर निवास करने लगे व ये क्षेत्र शासक विहीन हो गया , ब्रिटिश भारत में ये क्षेत्र कई वर्ष तक खालसा रखा गया था तत्पश्चात 1801 ईस्वी में भरतपुर के जाट शासकों को सुपुर्द कर दिया गया , प्रथम जाट शासक कीरत सिंह था । 1947 में भारत की स्वतंत्रता तक जाटों ने राज्य पर शासन किया, जब तक की राज्य को भारत संघ में मिला दिया गया था।

Dholpur State
धौलपुर रियासत
Princely State of ब्रिटिश भारत
700 ईस्वी पूर्व–1949
Flag of Dholpur
Flag
Coat of arms of Dholpur
Coat of arms

Dholpur State in the Imperial Gazetteer of India
Capitalधौलपुर
Area 
• 1901
3,038 कि॰मी2 (1,173 वर्ग मील)
Population 
• 1901
250,000
Government
 • Typeराजतन्त्र (1806–1818)
ब्रिटिश भारत में रियासतें (1818–1947)
संवैधानिक राजतंत्र (1947–1949)
महाराज राणा 
• 1806–1835
राणा कीरत सिंह (प्रथम)
• 1911–1949
उदयभानु सिंह (अंतिम)
History 
• Established
700 ईस्वी पूर्व
1949
पूर्ववर्ती
परवर्ती
मराठा साम्राज्य
मत्स्य संघ
Today part ofभारत
 · राजस्थान

धौलपुर की रियासत वर्तमान राजस्थान राज्य में स्थित थी । राज्य का क्षेत्रफल 3,038 किमी 2 (1,173 वर्ग मील) था, और अनुमानित राजस्व 9,60,000 रुपये था।[2]

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री , वसुंधरा राजे , धौलपुर के तत्कालीन शासक परिवार की सदस्य थीं, क्योंकि तलाक से पहले उनका विवाह महामहिम महाराजा हेमंत सिंह से हुआ था।

राजा ध्वलदेव तोमर ने धौलपुर को धवलपुर के रूप में स्थापित किया था। जो अपभ्रंश होते होते धौलपुर कहलाने लगा , 1801 के बाद भरतपुर के जाटों को ये ब्रिटिशीयो द्वारा प्रदान की गई , धौलपुर के जाट वंश का पहला शासक कीरत सिंह था ।

धौलपुर के अंतिम शासक उदयभान सिंह ने 7 अप्रैल 1949 को भारतीय संघ में विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए ।

शासक राज्य के शासक जाट थे और 1806 से महाराजा राणा की शैली में थे।[3]

  • 1806 – 21 अप्रैल 1836: कीरत सिंह (स.)
  • 1836 - दिसंबर 1836: पोहप सिंह (मृत्यु। 1836)
  • दिसंबर 1836 - 7 फरवरी 1873: भगवंत सिंह (जन्म। 1824 - मृत्यु। 1873) (2 जून 1869 से, सर भगवंत सिंह)
  • 7 फरवरी 1873 - 20 जुलाई 1901: निहाल सिंह (जन्म। 1863 - जन्म। 1901)
  • 7 फरवरी 1873 - 1884: महारानी सटेहा देवी (जन्म। 1845 - मृत्यु। 1888) भव (एफ) - रीजेंट
  • 20 जुलाई 1901 - 29 मार्च 1911: राम सिंह (जन्म। 1883 - मृत्यु। 1911) (1 जनवरी 1909 से, सर राम सिंह)
  • 20 जुलाई 1901 - मार्च 1905: .... - रीजेंट
  • 29 मार्च 1911 - 15 अगस्त 1947: उदय भान सिंह (जन्म। 1893 - मृत्यु। 1954)

सन्दर्भ

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  1. "Rajsthan tourism department".
  2. "Imperial Gazetteer2 of India, Volume 11, page 324 -- Imperial Gazetteer of India -- Digital South Asia Library".
  3. Princely States