स्थित
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]स्थित ^१ वि॰ [सं॰]
१. अपने स्थान पर ठहरा हुआ । टिका हुआ । जैसे,—इस भवन की छत खंभों पर स्थित है ।
२. लटका हुआ । अबलंबित ।
३. बैठा हुआ । आसीन । जैसे,—वे अपने आसन पर स्थित हो गए ।
४. अपनी प्रतिज्ञा पर डटा हुआ । दृढ़प्रतिज्ञ । जैसे,—वह अपनी बात पर स्थित है ।
५. विद्यमान । वर्तमान । मौजूद । जैसे,—परमात्मा सर्वत्र स्थित है ।
६. रहनेवाला । निवासी । जैसे,—स्वर्गस्थित देवता, दुर्गस्थित सेना ।
७. बसा हुआ । अवस्थित । जैसे,—वह नगर गंगा के बाएँ किनारे पर स्थित है ।
८. खड़ा हुआ । ऊर्ध्व ।
९. अचल । स्थिर ।
१०. लगा हुआ । संलग्न । मशगूल ।
११. जड़ा हुआ । खचित (को॰) ।
१२. घटित । बीता हुआ ।
१३. सहमत (को॰) ।
१४. निर्धारित । निश्चित । स्वीकृत (को॰) ।
१५. रोका हुआ । वरित (को॰) ।
१६. निकटस्थ । पार्श्वस्थ (को॰) ।
१७. प्रस्तुत । उपस्थित (को॰) ।
१८. धैर्यशाली । धीर (को॰) ।
१९. कर्तव्य- परायण (को॰) ।
२०. पुण्यात्मा (को॰) ।
स्थित ^२ संज्ञा पुं॰
१. अवस्थान । निवास ।
२. कुलमर्यादा ।
३. खड़ा रहना । रुका रहना । ठहरना (को॰) ।
४. खड़ा होने की अवस्था या ढंग (को॰) ।
५. सत्कर्म में तल्लीनता (को॰) ।