Light Combat Helicopter: इस हेलीकॉप्टर की रफ्तार 270 किलोमीटर प्रति घंटे है.
देश में ही विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH) को आज (सोमवार, 03 अक्टूबर, 2022) औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना ने अपने बेड़े में शामिल कर लिया गया. यह हेलीकॉप्टर रडार को चकमा देने में सक्षम है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में स्वदेशी हेलीकॉप्टर वायु सेना में शामिल हुआ. इससे पहले रक्षा मंत्री और IAF प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की उपस्थिति में एक 'सर्व-धर्म' प्रार्थना की गई. इस हेलीकॉप्टर का नाम 'प्रचंड' रखा गया है.
हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर के वायुसेना में शामिल होने से एयरफोर्स की ताकत में और वृद्धि होगी क्योंकि यह बहुपयोगी हेलीकॉप्टर कई तरह की मिसाइल दागने और हथियारों का इस्तेमाल करने में सक्षम है.
एलसीएच को सार्वजनिक उपक्रम ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड' (एचएएल) ने विकसित किया है और इसे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए विशेष तौर पर डिजाइन किया गया है.
रक्षा मंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि नए हेलीकॉप्टर को शामिल करने से भारतीय वायुसेना का युद्ध कौशल बढ़ेगा.
अधिकारियों ने बताया कि 5.8 टन वजन के और दो इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर से पहले ही कई हथियारों के इस्तेमाल का परीक्षण किया जा चुका है.
इस हेलीकॉप्टर की रफ्तार 270 किलोमीटर प्रति घंटे है. इसकी लंबाई 51.1 फीट है और 15.5 फीट ऊंचाई है.
LCH पर फायरिंग का कोई खास असर नहीं पड़ सकता है. इसका रेंज 50 किलोमीटर तक है और यह 16,400 फीट की ऊंचाई से हमला कर सकता है.
इस हेलीकॉप्टर को आतंकवाद निरोधी ऑपरेशंस के दौरान अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित बंकरों को तबाह करने के लिए भी तैनात किया जा सकता है. इसके अलावा जंगली इलाकों में नक्सल अभियानों में भी ग्राउंड फोर्स की मदद के लिए तैनात किया जा सकता है.
अधिकारियों ने बताया कि एलसीएच और ‘एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर' ध्रुव में कई समानताएं हैं. उन्होंने बताया कि इसमें कई विशेषताएं हैं जिनमें ‘स्टील्थ' (रडार से बचने की) खूबी के साथ ही बख्तरबंद सुरक्षा प्रणाली से लैस और रात को हमला करने व आपात स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता शामिल हैं.
गौरतलब है कि इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने स्वदेश में विकसित 15 एलसीएच को 3,887 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए मंजूरी दी थी.
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना के लिए और पांच थल सेना के लिए होंगे.