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आज का एक्सप्लेनर:पक्षी से टकराया या रूस ने खुद मार गिराया; कैसे क्रैश हुआ अजरबैजान का प्लेन; वो सब कुछ जो जानना जरूरी है
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25 दिसंबर यानी बुधवार को भारतीय समयानुसार सुबह 9:25 बजे। अजरबैजान के बाकू इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फ्लाइट एम्ब्रेयर E190AR ने उड़ान भरी। कुल 67 लोग सवार थे, इनमें 62 पैसेंजर और 5 क्रू मेंबर्स थे। 1 घंटे 20 मिनट की उड़ान के बाद 10:45 बजे फ्लाइट को रूस के
फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटरडार24 के डेटा के मुताबिक…
- 9:55 बजेः टेकऑफ से 30 मिनट बाद ही प्लेन के GPS में गड़बड़ी हुई और डेटा मिलना बंद हो गया।
- 10:43 बजेः टेकऑफ से 78 मिनट बाद फ्लाइट ने डेटा भेजना दोबारा शुरू किया, लेकिन उसकी लोकेशन नहीं मिली।
- 11ः37 बजेः टेकऑफ से 132 मिनट बाद पता चला कि प्लेन ने दिशा बदल ली और कैस्पियन सागर को पार करते हुए कजाकिस्तान पहुंच गया। वो अक्ताउ एयरपोर्ट के आसपास चक्कर काटने लगा।
- 11:58 बजेः टेकऑफ से 153 मिनट बाद प्लेन कजाकिस्तान के अक्ताउ शहर से लगभग 3 किलोमीटर दूर कैस्पियन सागर के पूर्वी तट पर क्रैश हो गया। 38 लोगों की मौत हो गई। सिर्फ 29 लोग ही जीवित बच पाए।
40 घंटे बाद भी हादसे की कोई पुख्ता वजह सामने नहीं आई है। हालांकि, शुरुआती जांच और मौजूद सबूतों के आधार पर कुछ थ्योरीज चल रही हैं। आज के एक्सप्लेनर में अजरबैजान प्लेन क्रैश की ऐसी 4 थ्योरीज डिकोड करेंगे…
थ्योरी-1: बर्ड हिट की वजह से क्रैश हुआ विमान रूस के सिविल एविएशन ब्यूरो रोसावियात्सिया के मुताबिक, शुरुआती जांच से पता चला कि फ्लाइट से पक्षी के टकराने की वजह से प्लेन का बैलेंस बिगड़ गया। इसके बाद इमरजेंसी लैंडिंग के लिए पायलट ने कजाकिस्तान के अक्ताउ की ओर जाने का फैसला किया।
प्लेन रास्ते में ही क्रैश हो गया। हादसे में प्लेन का आगे का हिस्सा ब्लास्ट हो गया, जिसमें बैठे 38 लोग मारे गए। प्लेन का दूसरा टुकड़ा यानी पीछे का हिस्सा ही बच पाया और उसमें बैठे 29 लोगों की जान बच गई।
अजरबैजान एयरलाइन्स ने भी बर्ड हिट को हादसे की वजह बताया था, लेकिन बाद में उन्होंने बयान वापस ले लिया। अजरबैजान के प्रॉसिक्यूटर जनरल ऑफिस ने कहा, 'हम इस समय किसी भी जांच के परिणाम का खुलासा नहीं कर सकते हैं।'
इस थ्योरी पर सवालः एयरोडायनमिक एडवाइजरी के एक्सपर्ट रिचर्ड अबौलाफिया ने अजरबैजान प्लेन क्रैश में इस थ्योरी को गलत बताया है। उनका कहना है कि बर्ड हिट से फ्लाइट नियंत्रण खो सकती है, लेकिन रास्ते से भटक नहीं सकती।
थ्योरी-2: ऑक्सीजन सिलेंडर में ब्लास्ट की वजह से आग लगी डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, बर्ड हिट के बाद पायलट को विंग डैमेज का नोटिफिकेशन मिला। पायलट आखिर तक विमान की स्पीड और ऊंचाई हासिल करने की कोशिश करते रहे, लेकिन विमान पूरी तरह से अपना कंट्रोल खो बैठा। घटना के एक वीडियो में देखा गया कि प्लेन बार-बार ऊपर उठने की कोशिश करता है और वह तेजी से ऊपर की तरफ जाता है, लेकिन रुकने लगता है।
आखिर में पायलट ने ऊंचाई पर जाकर प्लेन को कंट्रोल करने की कोशिश की और फिर यह एयरपोर्ट के पास चक्कर लगाने लगता है। इस दौरान दबाव कम होने की वजह से प्लेन के विंग में मौजूद ऑक्सीजन टैंक में विस्फोट हो गया। सिलेंडर में अचानक दबाव कम होने की वजह से विंग को काफी नुकसान पहुंचा और विंग टुकड़ों में बिखर गया। इसके बाद प्लेन भी क्रैश हो गया।
इस थ्योरी पर सवालः इस थ्योरी पर सरकार या एविएशन मैनेजमेंट की ओर से सफाई नहीं दी गई है। दरअसल, प्लेन में यात्रियों को ऑक्सीजन देने के लिए विंग में एक सिस्टम लगा होता है। इस ऑक्सीजन सिस्टम की प्रोसेस के मुताबिक, सबसे पहले बाहर की गर्म हवा को ऑक्सीजन टैंक में भरा जाता है। इसके बाद इस हवा को प्लेन के अंदर सांस लेने योग्य बनाया जाता है। बाकी बची हवा को बाहर ही छोड़ दिया जाता है।
थ्योरी-3: खराब मौसम की वजह से प्लेन रास्ता भटक गया फ्लाइट पायलट ने ग्रोज्नी में घने कोहरे की वजह से अपना रास्ता बदल दिया और इससे प्लेन हादसे का शिकार हो गया।
फ्लाइटरडार24 की रिपोर्ट के मुताबिक 25 दिसंबर की सुबह ग्रोज्नी के आस-पास के हवाई इलाके में विजिबिलिटी 3.6 किमी थी और बादल छाए हुए थे। प्लेन को 5 किमी से कम विजिबिलिटी में उड़ाना काफी खतरनाक होता है। जिसकी वजह से पायलट ने प्लेन का रास्ता बदल दिया होगा। इस दौरान प्लेन का फ्यूल खत्म हो गया। जिस वजह से पायलट ने प्लेन से कंट्रोल खो दिया और हादसा हो गया।
इल्हाम अलीयेव ने कहा,
बाकू-ग्रोज्नी मार्ग पर उड़ान भरने वाली फ्लाइट ने खराब मौसम के चलते अपना रास्ता बदल लिया और अक्ताउ हवाई अड्डे की ओर बढ़ने लगी। जहां लैंडिंग के दौरान दुर्घटना हुई।
इस थ्योरी पर सवालः इस थ्योरी को अफ्रीकी न्यूज एजेंसी AJRTAC ने गलत बताया है। AJRTAC का कहना है कि यह हादसा खराब मौसम की वजह से नहीं हो सकता, क्योंकि पायलट के पास 15 हजार घंटे से ज्यादा प्लेन उड़ाने का एक्सपीरियंस था। ऐसे में पायलट ने पहले भी कई बार खराब मौसम का सामना किया होगा। वो इस स्थिति में प्लेन को क्रैश होने से बचा सकता था। इसके बहुत कम चांस है कि मौसम की खराबी की वजह से हादसा हुआ।
थ्योरी-4: रूस के एंटी मिसाइल सिस्टम ने प्लेन को मार गिराया यूक्रेन के नेशनल सिक्योरिटी ऑफिसर एंड्री कोवलेंको ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया। कोवलेंको ने लिखा, ‘बुधवार सुबह, बाकू से ग्रोज्नी के लिए उड़ान भरने वाले एक अजरबैजानी एयरलाइन के एम्ब्रेयर 190 प्लेन को रूसी एयर डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया। इसको छिपाने के लिए रूस कई तरह की कोशिशें करेगा।
इस स्टेटमेंट के साथ उन्होंने कुछ फोटो भी शेयर कीं। इन फोटोज में प्लेन पर कुछ होल्स दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा एक्स पर प्लेन के होल्स की वीडियोज भी ट्रेंड कर रही हैं। दावा किया जा रहा है कि रूस के एयर डिफेंस सिस्टम के हमले की वजह से प्लेन में होल्स हुए। रूस ने प्लेन को यूक्रेन का ड्रोन समझकर मार गिराया।
हादसे में जिंदा बचे कुछ यात्रियों ने बताया कि प्लेन जैसे ही अपनी मंजिल ग्रोज्नी के पास पहुंचा तो उन्होंने विस्फोट की आवाज सुनी, जिसके बाद दागी गई मिसाइल के छर्रों ने प्लेन को नुकसान पहुंचाया। इसके बाद पायलट प्लेन को कजाकिस्तान ले गया, लेकिन प्लेन की जल्द लैंडिंग न होने से हादसा हो गया।
दरअसल, रूस के पास ‘S-400’, S-500 प्रोमेथियस और ‘पेंटसिर’ मिसाइल सिस्टम हैं। ये बड़ी और ज्यादा रेंज वाली हाई-स्पीड मिसाइलों और एयरक्राफ्ट को तबाह कर सकते हैं।
इस थ्योरी पर सवालः रूस के नागरिक विमानन प्राधिकरण रोसावियात्सिया ने इस बात से इनकार कर दिया। रूस ने इस हादसे की वजह बर्ड हिट ही बताई है।
कजाकिस्तान के अधिकारियों ने बताया कि वे कुछ तकनीकी खराबियों के एंगल से भी क्रैश जांच कर रहे हैं। साथ ही पूरे मामले में सेफ्टी रेगुलेशन के उल्लंघन का केस शुरू किया गया है।
आखिर विमान क्रैश की असली वजह क्या, इसका पता कैसे लगेगा?
कजाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री कनात बोजुम्बायेव ने बताया कि प्लेन का ब्लैक बॉक्स दुर्घटना स्थल पर मिल गया है। इस बॉक्स की जांच की जा रही है, जिससे हादसे की असली वजह पता चल जाएगी।
आमतौर पर ब्लैक बॉक्स से निकलने वाले डेटा को 10-15 दिन में एनालाइज किया जाता है। इस बीच, हादसे से ठीक पहले एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATC) से पायलटों की बातचीत को एनालाइज करते हैं।
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रिसर्च सहयोग- आयुष अग्रवाल
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