हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज से जुड़ी कंपनी वेंटिव हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड के आईपीओ को बोली के आखिरी दिन मंगलवार तक कुल 9.82 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है। एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, कंपनी के आईपीओ को 14,17,23,907 शेयरों के लिए बोलियां मिलीं, जबकि पेशकश 1,44,34,453 शेयरों की हुई थी। गैर-संस्थागत निवेशकों के सेगमेंट को 13.87 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। जबकि पात्र संस्थागत खरीदारों के सेगमेंट को 9.08 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। वहीं, खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों के हिस्से को 5.94 गुना सब्सक्रिप्शन मिला।
एंकर निवेशकों से जुटाए 719 करोड़ रुपये
ब्लैकस्टोन-समर्थित वेंटिव हॉस्पिटैलिटी ने आईपीओ खुलने के पहले एंकर निवेशकों से 719 करोड़ रुपये जुटाए थे। आईपीओ के लिए 610-643 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है। आईपीओ पूरी तरह से 1,600 करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयरों का नया इश्यू है और इसमें कोई बिक्री पेशकश (OFS) शामिल नहीं है। कंपनी आईपीओ से प्राप्त राशि का इस्तेमाल कर्ज भुगतान में करेगी। वेंटिव हॉस्पिटैलिटी (पूर्व में आईसीसी रियल्टी) अमेरिका स्थित ब्लैकस्टोन ग्रुप और पंचशील रियल्टी का एक संयुक्त उद्यम है।
सेनोर्स फार्मास्युटिकल्स को मिला 93.69 गुना सब्सक्रिप्शन
दवा उत्पादक सेनोर्स फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के 582 करोड़ रुपये के आईपीओ को बोली के आखिरी दिन मंगलवार को 93.69 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। एनएसई के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, आरंभिक शेयर बिक्री में 85,34,681 शेयरों की पेशकश के मुकाबले कुल 79,95,96,646 शेयरों के लिए बोलियां लगाई गईं। गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए निर्धारित सेगमेंट को 96.30 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। जबकि पात्र संस्थागत खरीदारों के सेगमेंट को 94.66 गुना अभिदान मिला। वहीं, खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों की कैटेगरी को 90.46 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है।
एंकर निवेशकों से जुटाए 261 करोड़ रुपये
सेनोर्स फार्मास्युटिकल्स ने आईपीओ खुलने के पहले गुरुवार को एंकर निवेशकों से करीब 261 करोड़ रुपये जुटाए। आईपीओ के लिए 372-391 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है। अहमदाबाद स्थित कंपनी के आईपीओ में 500 करोड़ रुपये के नए इक्विटी शेयर और प्रमोटर्स एवं अन्य विक्रेता शेयरधारकों द्वारा 82.11 करोड़ रुपये के 21 लाख शेयरों की बिक्री पेशकश (OFS) शामिल है। सेनोर्स फार्मास्युटिकल्स विशेष, कम सेवा वाले और जटिल औषधि उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला की पहचान, विकास और विनिर्माण में लगी हुई है।
(पीटीआई/भाषा के इनपुट के साथ)