तुला राशि
तुला | |||||||||||||||||||||||||||||||||
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तुला (♎) राशि चक्र में सातवीं राशि है। इस राशि के जातकों की मनोदशा का केवल यही वर्णन नहीं है। भारतीय जनतंत्र में आज जिस व्यक्ति की छाप सबसे बड़ी है वह तुला राशि का ही जातक था। मैं बात कर रहा हूं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की। बाजार में अपनी5432 तुला लिए खड़े व्यक्ति के रूप में तुला राशि को दिखाया गया है। विचारों से सम और हर बात को पूरी तरह तौलकर देखने वाला जातक तुला राशि का होगा। हालाँकि इस राशि पर शुक्र का आधिपत्य है, इस कारण तुला राशि के जातकों को बनने संवरने, संगीत, चित्रकारी और बागवानी जैसे शौक होते हैं। इसके बावजूद रचनात्मक आलोचना और राजनैतिक चातुर्य इन जातकों का ऐसा कौशल होता है कि दूसरे लोग इनसे चकित रहते हैं। वणिक बुद्धि के कारण वाद विवाद में पड़ने के बजाय समझौता करने में अधिक यकीन रखते हैं।
प्रकृति
[संपादित करें]इन जातकों का शरीर दुबला पतला और अच्छे गठन वाला होता है। चेहरा सुंदर भी न हो तो मुस्कान मोहक होती है। इन जातकों को विपरीत योनि वाले सहज आकर्षित करते हैं। हालाँकि इन जातकों की शारीरिक संरचना सुदृढ़ होती है, लेकिन रोग प्रतिरोधक क्षमता अपेक्षाकृत कम होने के कारण बीमारियों की पकड़ में जल्दी आते हैं। साझीदार के साथ व्यापार करना इनके लिए ठीक रहता है। जातक उचित समय पर सही सलाह देता है। ऐसे में साझेदार भी ज्यादातर फायदे में रहते हैं। एक बार मित्र बना लें तो हमेशा के लिए अच्छे मित्र सिद्ध होते हैं। इन जातकों का पंचमेश शनि होता है। इस कारण तुला लग्न के जातकों के अव्वल तो संतान कम होती है और अधिक हो भी जाए तो संतान का सुख कम ही मिलता है। इनके लिए शुभ दिन रविवार और सोमवार बताए गए हैं। शुभ रंग नारंगी, श्वेत और लाल तथा शुभ अंक एक व दस हैं।
बाहरी कडि़यां
[संपादित करें]- ↑ "कुंडली में वर्ण कूट मिलान क्या होता है।". दैनिक एस्ट्रोलोजी.