नागदासक
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नागदासक | |
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मगध का महाराजा | |
शासनावधि | ल. ४३७–४१३ ईसा पूर्व (२४ वर्षों) |
पूर्ववर्ती | मुंडा |
उत्तरवर्ती | शिशुनाग (शिशुनाग वंश) |
राजवंश | हर्यक |
पिता | मुंडा |
नागदासक ४३७ से ४१३ ईसा पूर्व तक हर्यक राजवंश के अंतिम शासक और मुंडा के पुत्र थे। उसने अपने पिता की हत्या कर दी और चौबीस साल तक शासन किया। लोगों ने उसे अपदस्थ कर दिया और उसके स्थान पर शिशुनाग को राजा बना दिया। शिशुनाग राजवंश के संस्थापक थे।[1]
बौद्ध परंपरा के अनुसार, वह हरियाणा के शासकों में से अंतिम थे, जिन्हें उनके अमात्य शिशुनाग द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था।[2]
संदर्भ
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[संपादित करें]- ↑ Hazra, Kanai Lal (1984), Royal patronage of Buddhism in ancient India, D.K. Publications, पृ॰ 39, OCLC 10590550
- ↑ Upinder Singh 2016, पृ॰ 273.