लातेहार
लातेहार Latehar | |
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जलप्रपात | |
निर्देशांक: 23°45′N 84°30′E / 23.75°N 84.50°Eनिर्देशांक: 23°45′N 84°30′E / 23.75°N 84.50°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | झारखण्ड |
ज़िला | लातेहार ज़िला |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
लातेहार (Latehar) भारत के झारखंड राज्य के लातेहार ज़िले में स्थित एक नगर है। यह छोटा नागपुर पठार पर स्थित एक पर्यटक स्थल है और ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2]
विवरण
[संपादित करें]लातेहार की स्थापना 4 अप्रैल 2001 ई. को की गई थी। लातेहार मनोहारी जंगलों, खूबसूरत झरनों, विशाल खदानों और हरे-भरे खेतों से भरा पड़ा है। इसके झरनों के पास पिकनिक मनाना पर्यटकों को बहुत पसंद आता है। पर्यटक यहां पिकनिक मनाने के अलावा स्थानीय संस्कृति से भी रूबरू हो सकते हैं।
प्रमुख आकर्षण
[संपादित करें]जनी शिकार उत्सव
[संपादित करें]लातेहार का अधिकतर भू-भाग जंगलों से घिरा हुआ है। इन जंगलों में जो आदिवासी रहते हैं उनकी आजीविका इन्हीं जंगलों से चलती हैं। अपने समाज की रक्षा करने के लिए महिलाएं पुरुष शिकारी भेष में शिकार करती थीं एवं लड़ाई लड़ाती थीं। बाद में परंपरा के कारण बारह वर्षों के अंतराल पर पारंपरिक पुरुष वस्त्रों में महिलाएं जनी शिकार करने लगीं | अब यह परंपरागत पर्ब के रूप में बारह बर्षों के अंतराल पर महिलावों द्वारा मनाया जाता है।
कलाकृतियां
[संपादित करें]लातेहार में उद्योगों की कमी है इसलिए यहां के निवासी आजीविका कमाने के लिए जंगलों में पाए जाने वाले फूल-पत्तों से खूबसूरत कलाकृतियां बनाते हैं। इन कलाकृतियों में बांस की टोकरियां प्रमुख हैं जो पर्यटकों को बहुत पसंद आती हैं। टोकरियों के अलावा वह महुआ के फूलों और केंदु के पत्तियों से भी अनेक कलाकृतियां बनाते हैं। यहां आने वाले अधिकतर पर्यटक इन कलाकृतियों को स्मृतिकाओं के रूप में अपने साथ ले जाते हैं।
खदानें
[संपादित करें]लातेहार को इसकी कोयले, बॉक्साइट, लेटेराइट और डोलोमाईट की खदानों के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। यह खदानें आकार में बहुत बड़ी हैं और लातेहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती हैं। पर्यटक चाहें तो इन खदानों को देखने जा सकते हैं। इन खदानों में अनेक मजदूर काम करते हैं। इन खदानों को देखने के बाद चियांकी, कोयल व्यू प्वाइंट और मैगनोलिया प्वांइट घूमने जाया जा सकता है। यह तीनों बहुत खूबसूरत है और लातेहार के पर्यटन उद्योग की जान माने जाते हैं।
झरने
[संपादित करें]प्रकृति ने लातेहार में अपने सौंदर्य को खुलकर बिखेरा है और झरनों के रूप में इसको अनमोल उपहार दिए हैं। यह सभी झरने बहुत खूबसूरत हैं और पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। झरनों के पास शहर की भागती-दौड़ती जिंदगी से दूर जीवन के कुछ यादगार लम्हें बिताए जा सकते हैं। यह सभी झरने इतने खूबसूरत हैं कि जो भी पर्यटक यहां आते हैं वह इनकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाते। कांती, निचला घागरी, शाही, लोढ़, मिरचिया और ऊपरी घागरी इसके प्रमुख झरने हैं।
आवागमन
[संपादित करें]- वायु मार्ग
राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय हवाई सेवाओं द्वारा रांची हवाई अड्डे तक पहुंचा जा सकता है। यहां से लातेहार तक पहुंचना काफी आसान है।
- रेल मार्ग
लातेहार में गढ़वा-रांची लाईन पर तोरी रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया है। पलामु एक्सप्रेस, हटिया-दिल्ली एक्सप्रेस, स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस और शक्तिपुंज एक्सप्रेस से तोरी रेलवे स्टेशन तक पहुंचा जा सकता है।
- सड़क मार्ग
झारखंड की राजधानी रांची से लातेहार के लिए नियमित बस सेवा है।
जनसंख्या
[संपादित करें]2011 में, लातेहार की जनसंख्या 726,978 थी, जिसमें पुरुष और महिला क्रमशः 369,666 और 357,312 थे। 2024 में लातेहार जिले की अनुमानित जनसंख्या 960,900 है |[3]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Tourism and Its Prospects in Bihar and Jharkhand Archived 2013-04-11 at the वेबैक मशीन," Kamal Shankar Srivastava, Sangeeta Prakashan, 2003
- ↑ "The district gazetteer of Jharkhand," SC Bhatt, Gyan Publishing House, 2002
- ↑ "Latehar District Population Census 2011 - 2021 - 2024, Jharkhand literacy sex ratio and density". www.census2011.co.in. अभिगमन तिथि 2024-10-17.